Home छत्तीसगढ़ CG: ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए हाईकोर्ट ने निर्देश, नियमों के...

CG: ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए हाईकोर्ट ने निर्देश, नियमों के उल्लंघन का पता लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखा जाना चाहिए…

14
0

छत्तीसगढ़ के रायुपर/बिलासपुर जिले में डीजे और साउंड बॉक्स से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि नियमों के उल्लंघन का पता लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखा जाना चाहिए। कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें और सभी आवश्यक कार्रवाई करें। मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी।

सोमवार को चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य शासन के अधिवक्ता के उस सुझाव का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया है कि त्योहारों और मूर्तियों के विसर्जन से संबंधित जुलूसों के दौरान विशिष्ट तिथियों पर सीसीटीवी फुटेज का संरक्षण सुनिश्चित किया जाना चाहिए। कोर्ट ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि वे पूर्व में शासन द्वारा प्रस्तुत शपथ-पत्र का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें और आवश्यक कार्रवाई करें। शासन ने बताया है कि कोलाहल एक्ट के प्रावधानों में आवश्यक संशोधन किया जा रहा है।

29 मई को आयोजित बैठक के दौरान विधि विभाग ने समिति के समक्ष अपनी राय प्रस्तुत की। बैठक के दौरान समिति ने छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड (सीसीबी) को कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1985 में आवश्यक संशोधनों का मसौदा प्रस्तावित करने का निर्देश दिया।

इसके अनुसरण में छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड ने कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1985 में प्रस्तावित संशोधनों का एक मसौदा तैयार किया और इसे सचिव, आवास एवं पर्यावरण को 13 अगस्त 2025 को भेजा। 14 अगस्त को आयोजित बैठक के दौरान समिति के सदस्यों ने सीईसीबी द्वारा प्रस्तुत कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1985 में प्रस्तावित संशोधनों के मसौदे की समीक्षा की।

विभिन्न सदस्य प्रतिनिधियों ने बैठक में उपस्थित विभागों से अनुरोध किया गया कि वे अपने-अपने सचिवों से अंतिम अनुमोदन व टिप्पणियां प्राप्त करें और उसे अगली बैठक 15 सितंबर में प्रस्तुत करें, ताकि प्रस्तावित संशोधनों के दस्तावेजों को अंतिम रूप दिया जा सके। 15 सितंबर को आयोजित बैठक के निष्कर्ष के अनुसार गृह विभाग के प्रतिनिधि ने बताया कि प्रस्तावित संशोधनों को अंतिम रूप देने अतिरिक्त समय की आवश्यकता है।

कार्रवाई करेगा। इस अनुसार आवश्यक कार्रवाई करें। कोर्ट ने कहा यह जानकारी भी आई कि रायपुर जिले में त्योहारों के दौरान कुल 783 कैमरे लगाए गए हैं। यह तर्क दिया गया कि कोलाहल अधिनियम, 1985 और ध्वनि प्रदूषण विनियमन एवं नियंत्रण नियम, 2000 के तहत ध्वनि प्रदूषण उल्लंघनों की प्रभावी निगरानी की जा सकती है। कोर्ट ने इससे सहमति जताते हुए फुटेज सुरक्षित रखने के निर्देश दिए।

उल्लेखनीय है कि 19 सितंबर की सुनवाई के दौरान बिलासपुर एसपी द्वारा एक शपथपत्र प्रस्तुत किया गया था, जिसमें जिला प्रशासन द्वारा कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1985 के तहत ध्वनि प्रदूषण के उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ की गई कार्रवाई का उल्लेख था। 19 दिसंबर की सुनवाई के दौरान कुछ हस्तक्षेपकर्ताओं ने कोर्ट से ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 में संशोधन के लिए निर्देश मांगे।

कोर्ट के आदेशानुसार, राज्य सरकार ने 27 जनवरी को गृह विभाग, विधि विभाग और नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के प्रतिनिधियों की 5 सदस्यीय समिति का गठन किया गया, जिसके अध्यक्ष आवास एवं पर्यावरण विभाग के सचिव और छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड के सदस्य सचिव थे। समिति का कार्य कोलाहल अधिनियम, 1985 और ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम, 2000 का तुलनात्मक विश्लेषण करना और कोलाहल अधिनियम, 1985 को बनाने उसमें उपयुक्त संशोधन सुझाना था।