ईडी ने रायपुर और बिलासपुर में 4 बिल्डर, प्रॉपर्टी और ट्रेडर्स के ठिकानों में छापेमारी की। महादेव सट्टा, कोयला और कस्टम मिलिंग घोटाले के आरोपियों द्वारा प्रॉपर्टी में निवेश करने के इनपुट के आधार पर की गई है।
छत्तीसगढ़ के रायपुर में ईडी ने रायपुर और बिलासपुर में 4 बिल्डर, प्रॉपर्टी और ट्रेडर्स के ठिकानों में छापेमारी की। यह कार्रवाई महादेव सट्टा, कोयला और कस्टम मिलिंग घोटाले के आरोपियों द्वारा प्रॉपर्टी में निवेश करने के इनपुट के आधार पर की गई है। इसमें रायपुर स्थित बिल्डर के जवाहर नगर स्थित निवास, बिलासपुर में क्रांति नगर में के बिल्डर और मंगला चौक में महावीर नगर का मकान शामिल है। सभी के ठिकानों पर शुक्रवार सुबह छापेमारी की गई।
इस दौरान तलाशी में दस्तावेज, निवेश, प्रॉपर्टी, कमर्शियल कॉम्पलेक्स, फ्लैट की खरीदी-बिक्री को जांच के दायरे में लिया गया है। बताया जाता है कि छापेमारी की जद में वाले बिल्डरों और ट्रेडिंग फर्म का संचालन करने वालों के घोटाले में जेल भेजे गए आरोपियों से करीबी संबंध में मिले है। जांच के दौरान इसके इनपुट मिलने पर छापेमारी की गई है।
बताया जाता है कि तलाशी के दौरान मिले दस्तावेजों, लैपटॉप, कम्प्यूटर का बैकअप और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त की गई है। साथ ही बैंक स्टेटमेंट और वित्तीय रिकॉर्ड को जांच के दायरे में लिया गया है। बता दें कि बिल्डर के ठिकानों में आयकर विभाग 2014-15 में टैक्स चोरी करने पर छापेमारी कर चुकी है।
रायपुर के रहेजा बिल्डर द्वारा पिछले 5 सालों में दर्जनों नए प्रोजेक्ट विभिन्न शहरों में शुरू करने और सुल्तानिया ग्रुप के मीनाक्षी सेल्स का कोयला, सीमेंट, छड़, स्टील और ट्रेडिंग का कारोबार है। उक्त सभी फर्म के संचालकों द्वारा पिछले 5 साल में कई गुना कारोबार बढ़ाने और लक्जरी फ्लैट और कमर्शियल कॉम्पलेक्स का प्रोजेक्ट शुरू करने पर की गई है। बता दें कि रहेजा ग्रुप संजय, हरीश, और दीपक अपने माता-पिता के साथ जवाहर नगर में रहते हैं। उक्त सभी लोगों से पूछताछ कर बयान लिया जा रहा है।
ईडी के अधिकारियों का कहना है कि घोटाले की रकम को प्रॉपर्टी और अन्य कारोबार में निवेश करने के इनपुट के आधार पर छापेमारी की गई है। साथ ही सभी रियल एस्टेट से जुडे़ कारोबार में निवेशकों की जानकारी जुटाई जा रही है। बताया जाता है कि घोटालों से अर्जित आय प्रदेश के कई कारोबारी सेक्टर में निवेश किए गए हैं।
इनमें हॉस्पिटल सेक्टर के साथ अब बिल्डर डेवलपर भी शामिल है। आशंका जताई जा रही है कि घोटाले से जुड़े वित्तीय लेन-देन और मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए निवेश किया गया है। फिलहाल तलाशी में क्या मिला इसका खुलासा नहीं किया गया है। बता दें कि पहली बार ईडी ने घोटालों की जांच करने के लिए किसी बिल्डर एवं डेवलपर को घेरा गया है। इसके संचालक संजय रहेजा, बिल्डर डेवलपर्स के संगठन छत्तीसगढ़ क्रेडाई के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके है।
बिलासपुर के एक कारोबारी कोयला घोटाले के मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी (जमानत पर रिहा) के काफी करीबी बताए जाते हैं। वहीं एक अन्य बिल्डर अनवर ढेबर और सौम्या चौरसिया द्वारा निवेश करने की जानकारी मिलने पर छापेमारी की गई है। वहीं राइस मिल से जुडे़ कारोबारी का नाम कस्टम मिलिंग घोटाले से कनेक्शन जुड़ने के बाद छापेमारी की गई है। सूत्रों का कहना है कि इस घोटाले में जेल भेजे गए आरोपियों से करीबी संबंध में इनपुट के आधार पर कार्रवाई की गई है।