छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को सवा महीना बीत चुका है। अब तक सरकारी खरीदी केंद्रों के जरिए 41 लाख 86 हजार मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है। यह धान 10 लाख 96 हजार किसानों ने बेचा है। पिछले साल एक दिसम्बर से धान की सरकारी खरीदी शुरू हुई थी। तब 10 दिसम्बर तक केवल 17 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जा सका था।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया, इस साल समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए राज्य में 25 लाख 92 हजार किसानों का पंजीयन हुआ है। जिसमें से करीब 2 लाख 26हजार नये किसान हैं। राज्य में धान खरीदी के लिए दो हजार 568 खरीदी केन्द्र बनाए गए हैं। यहां पर सामान्य धान 2040 रुपए प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान 2060 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है। धान खरीदी सोमवार से शुक्रवार तक हो रही है। 9-10 अक्टूबर तक के रिकॉर्ड के मुताबिक 41 लाख 86 हजार मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है। इसमें से 25 लाख 35 हजार धान का उठाव भी हो चुका है। इस बीच किसानों को 8 हजार 481 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है। अधिकारियों को उम्मीद है कि 12 दिसम्बर की शाम तक यह खरीदी के आंकड़े में ढाई लाख मीट्रिक टन का इजाफा हो जाएगा।
पिछले साल एक दिसम्बर से शुरू हुई थी खरीदी
साल 2021 में धान खरीदी की शुरुआत एक दिसम्बर से हुई थी। पहले दिन एक लाख एक हजार 113 मीट्रिक टन धान पहुंचा था। 10 दिसम्बर तक किसानों ने 17 लाख 2 हजार 772 मीट्रिक टन धान सरकारी केंद्रों पर बेच दिया था। समर्थन मूल्य पर खरीदी खत्म हुई तो सरकार ने 97 लाख 99 हजार 367 मीट्रिक टन धान खरीद लिया था।
इस साल एक नवम्बर से खरीदी शुरू हुई, 10 हजार मीट्रिक टन धान आया
साल 2021 में धान खरीदी की शुरुआत एक नवम्बर से हुई। पहले दिन 775 केंद्रों पर बोहनी का धान आया। पहले दिन 10 हजार 257 मीट्रिक टन धान आया था। 10 नवम्बर तक यह बढ़कर 2 लाख 46 हजार 560 मीट्रिक टन तक पहुंच गया। 10 दिसम्बर तक इसकी सीमा 41 लाख 86 हजार मीट्रिक टन तक हो गई। सरकार ने इस साल एक लाख 10 हजार मीट्रिक टन धान खरीदने की लक्ष्य तय किया है।