छत्तीसगढ़ में चल रहे महाधिवेशन में कांग्रेस ने अपने संविधान में बड़ा संशोधन किया है. रायपुर महाधिवेशन पार्टी के संविधान में कुल छह बड़े संशोधन किए गए हैं. इसमें से सबसे बड़ा संशोधन कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) को लेकर किया गया है. अब सीडब्ल्यूसी के सदस्यों में 50 प्रतिशत सदस्यों को आरक्षण के जरिए भरा जाएगा. कांग्रेस के संविधान ये बदलाव महाधिवेशन के मुख्य मंच से किए गए. रणदीप सुरजेवाला ने मुख्य मंच से कांग्रेस पार्टी की संविधान संशोधन में संशोधन की जानकारी देते हुए बताया कि देश में सामाजिक क्रांति लाने के लिए पार्टी के संविधान में ये संशोधन किए गए हैं.उन्होंने बताया कि एससी-एसटी, ओबीसी, महिला और युवाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला हुआ है. उन्होंने कहा कि पार्टी में 50 साल से कम उम्र के नौजवानों और महिलाओं की भागीदारी होगी. अब पेपर मेंबरशिप नहीं दी जाएगी, अब केवल डिजिटल मेमरशीप दी जाएगी. इसके अलावा बूथ कमेटी और पंचायत कमेटी प्रदेश कांग्रेस की इकाई होगी. इसके लिए भी कांग्रेस ने अपने संविधान में संशोधन किया है .ग्राम पंचायत कमेटी के सदस्य ऑटोमेटिक पीसीसी के सदस्य हो जाएंगे. पहले कांग्रेस के सदस्यता फॉर्म में पिता का नाम होता था. लेकिन अब मां और पत्नी का भी नाम होगा. इसके अलावा थर्ड जेंडर का भी विकल्प दिया जाएगा. ब्लॉक स्तर पर जहां जहां कांग्रेस के चुने हुए सदस्य हैं, पीसीएस की ऑटोमेटिक डेलीगेट्स होंगे. अबतक आठ पीसीएस डेलीगेट्स पर एक आईसीसी चुने जाते थे. अब 6 लोगों में एक एआईसीसी के सदस्य बनेंगे. सीडब्ल्यूसी में 35 सदस्य होंगे. इसमें 50 प्रतिशत मेंबर में एससी एसटी ओबीसी, महिला के लिए आरक्षित होंगे. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगा कि महाअधिवेशन को रोकने के लिए बीजेपी सरकार ने छापा मारा और हमारे लोगों को गिरफ्तार किया.लेकिन फिर भी यहां के मुख्यमंत्री और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका जमकर मुकाबला किया और इस अधिवेशन को यशस्वी बनाया. खरगे ने कहा कि करीब 100 साल पहले महात्मा गांधी बेलगाम महाधिवेशन में कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे.उन्होंने कांग्रेस को किसानों,मजदूरों,गरीबों और वंचितों से जोड़ा. यहीं से कांग्रेस जनआंदोलन के रूप में जनता के बीच आई और पूरा देश कांग्रेस के साथ खड़ा हुआ.