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सोशल मीडिया में लोगों द्वारा कांग्रेस महाअधिवेशन के नेताओं को पहनाई गई सोने की माला को लेकर बहस

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‘सोने से भी ज्यादा कीमती है ये माला’, BJP के तंज पर बोले CM बघेल

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस महाधिवेशन के नेताओं को पहनाई गई सोने की माला को लेकर बहस छिड़ गई है.

जहां सोशल मीडिया में लोगों द्वारा सोनिया, राहुल गांधी सहित नेताओं को पहनाई गई माला को सोने का बताया जा रहा है, जिसको लेकर अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी की जो अफवाह फैलाओ टीम है न, वो सक्रिय रहती है. वे तो गणेश जी को भी दूध पिला देते हैं. यह अफवाह फैलाने में बहुत माहिर है. हमारी प्रिमिटिव ट्राइब्स है, जो विशेष प्रकार के बांस के डंठल से माला बना देती है.

इस दौरान सीएम बघेल ने कहा कि बीजेपी के लोगों को कम से कम रमन सिंह से पता कर लेना चाहिए, यह तो उनके ही गृह जिले के हैं. यह माला केवल यहीं बनती है. यह सोने से भी ज्यादा कीमती है. जोकि देश में और कहीं नहीं मिलती है. हमने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और खड़के सहित सभी स्टेयरिंग कमिटी के सदस्यों का स्वागत इसी माला से किया.

क्या है मामला?

दरअसल, छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति निवास करती है. जन जनजाति का विशेष आभूषण है घास से बनी यह विशेष प्रकार की माला है. इस माला को बिरन माला के नाम से जाना जाता है. विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति के प्रदेश अध्यक्ष इतवारी राम मछिया बैगा ने बताया कि यह बिरन माला बैगा जनजातियों के विभिन्न श्रृंगार आभूषणों में एक है. यह माला ख़िरसाली नाम के पेड़ के तने और सूता खण्ड नाम के घास से बनाई जाती है. इस माला को बनाने में बहुत मेहनत लगती है.

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति और परंपराओं को सहजने का विशेष प्रयास किया जा रहा है.

बैगा जनजाति को भूपेश बघेल ने राष्ट्रीय स्तर पर दिलाया सम्मान

वहीं, भूपेश सरकार के इस प्रयास से प्रदेश में रह रहे विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति की सांस्कृतिक विरासत को नई पहचान मिल रही है. जहां कबीरधाम जिले में इस बिरन माला की विशेष पहचान है. बैगा जनजातियों द्वारा आयोजित सभी धार्मिक, सांस्कृतिक,मेला मड़ाई और अन्य उत्सव के आयोजनों में इस बिरन माला का उपयोग किया जाता है. इन आयोजनों में शामिल होने वाले सभी घरेलू मेहमान और विशेष अतिथियों का इस बिरन माला को पहनाकर ही स्वागत और अभिनंदन किया जाता है.

बैगा जनजाति को अंतरराष्ट्रीय मंच से मिल रही ऊंचाइयां

विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति के इस विशेष आभूषणों का प्रचलन सिर्फ उनके सामाजिक कार्यक्रमों या आयोजनों तक सीमित नहीं है. इस माला का उपयोग अब जिले अथवा राज्य स्तर पर आयोजित होने वाले छोड़े बड़े सभी आयोजनों में इसका उपयोग होने लगा है. इतवारी मछिया ने बताया कि राज्य शासन द्वारा आयोजित विश्व आदिवासी महोत्सव में विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति के लोग भी शामिल हुए थे. उस आयोजन में बैगा समाज के नर्तक दलों ने इसी बिरन माला का श्रृंगार किया था. बैगा जनजाति के इस विशेष श्रृंगार को अंतराष्ट्रीय मंच मिलने से सांस्कृतिक विरासत को ऊंचाइयां मिल रही हैं.

BJP को छत्तीसगढ़ की संस्कृति से इतनी नफरत क्यों? CM बघेल

इस दौरान सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा कि “झूठ बोलो, बार-बार झूठ बोलो, जितना ज़ोर से बोल सकते हो, उतना बोलो”..इस सूत्र पर चलने वाले इस अनमोल तोहफे का भी अपमान कर रहे हैं, साथ ही प्रकृति पुत्रों/पुत्रियों की कला और छत्तीसगढ़ की संस्कृति का भी.आख़िर छत्तीसगढ़ के लोगों, यहां की संस्कृति से बीजेपी को इतनी नफरत क्यों है?