Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को बिलासपुर हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. आए से अधिक संपत्ति मामले में रमन सिंह को हाईकोर्ट ने क्लीनचिट दे दी है लेकिन इस पर अब भी सियासत जारी है.
कांग्रेस ने रमन सिंह पर 10 साल में 11 गुना संपत्ति बढ़ने के फार्मूला को लेकर सवाल उठाया तो रमन सिंह ने इसे राजनीति से प्रेरित आरोप बताया है.
दरअसल बुधवार को बिलासपुर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने रमन सिंह के आय से अधिक संपत्ति मामले सुनवाई की. इसको डबल बेंच ने तथ्यहीन, निराधार और राजनीति से प्रेरित बताकर खारिज कर दिया.
इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राहत की सांस ली है. बुधवार को रायपुर में रमन सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर इस मामले की जानकारी दी, उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधा.
बीजेपी प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि आज माननीय उच्च न्यायालय ने मेरे ऊपर आय से अधिक संपत्ति के मामले में महत्वपूर्ण फैसला दिया है.
पिछले लंबे समय से कांग्रेस ने इस मामले में मेरे ऊपर गंभीर आरोप लगाया गया, उस समय भी मैंने कहा था कि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं.
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के इस फैसले से दूध का दूध और पानी का पानी हो गया और मैं दावे के साथ कहता हूं कि कांग्रेस द्वारा मेरे ऊपर लगाये अन्य आरोप भी राजनीति से प्रेरित और तथ्यहीन हैं जिनका अन्तिम परिणाम भी इसी तरह आयेगा.
इधर, कांग्रेस ने रमन सिंह पर फिर से सवाल उठाया है. कांग्रेस का कहना है कि तकनीकी आधार पर भले ही उनको राहत मिल गई हो लेकिन नैतिकता के आधार पर वो नहीं बच सकते.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह को हाईकोर्ट से भले ही राहत मिल गई हो लेकिन नैतिकता का सवाल आज भी खड़ा हुआ है.
उन्होंने कहा कि आपने (रमन सिंह) ऐसा क्या व्यवसाय किया कि आपकी 1 करोड़ की संपत्ति 10 साल में 11 करोड़ रुपए हो गई. उन्होंने कहा कि 10 साल तक आप प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे आपने कोई भी धंधा नहीं किया कोई भी व्यवसाय नहीं किया,
सारा समय आपने मुख्यमंत्री के पद के निर्वहन में लगाया तो आपकी संपत्ति 11 गुना कैसे बढ़ी? ये फार्मूला छत्तीसगढ़ की जनता को भी बताना चाहिए ताकि लोग भी अपनी संपत्ति 10 साल में 11 गुना बढ़ा सकें.
गौरतलब है कि कांग्रेस के नेता विनोद तिवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच के लिए बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी.
याचिका में कहा गया था कि रमन सिंह ने 2008, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान शपथ पत्र में अपनी संपत्ति छिपाते हुए गलत जानकारी दी थी.
इसके लिए याचिकाकर्ता ने सीबीआई जांच की मांग की थी. इसके अलावा कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने इसको लेकर कई बार ईओडब्ल्यू और एसीबी में भी शिकायत की थी.