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सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं के अधिकार नियमों में किया संशोधन, जानें क्या हुए बदलाव

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Electricity Rights Of Consumers Amendment Rules: भारत सरकार ने विद्युत (उपभोक्ता अधिकार) नियम, 2020 में संशोधन किया है. इस बारे में विद्युत मंत्रालय ने बुधवार (14 जून) को एक अधिसूचना जारी की.

अधिसूचना में कहा गया कि इन नियमों का संक्षिप्त नाम विद्युत (उपभोक्ता अधिकार) संशोधन नियम, 2023 है.

अधिसूचना के मुताबिक, विद्युत (उपभोक्ता अधिकार) नियम, 2022 के नियम 5 के उप नियम (5) में जो बदलाव हुए हैं वो इस प्रकार है-

(5) सभी प्रकार के स्मार्ट मीटरों की दिन में कम से कम एक बार दूरस्थ रीडिंग की जाएगी और अन्य प्री-पेमेंट मीटरों की किसी वितरण लाइसेंसधारी के ऑथराइज्ड रिप्रजेंटेटिव की ओर से हर तीन महीने में कम से कम एक बार रीडिंग की जाएगी.

ऊर्जा खपत संबंधी डेटा को वेबसाइट या मोबाइल एप्लीकेशन या शॉर्ट मैसेज सर्विस और इसी तरह की सर्विस आदि के माध्यम से उपभोक्ता को उपलब्ध कराया जाएगा. स्मार्ट प्री-पेमेंट मीटर रखने वाले उपभोक्ताओं को उनकी ओर से की गई खपत और दैनिक आधार पर कम से कम बैलेंस अमाउंट की जांच करने के लिए डेटा एक्सेस प्रदान किया जा सकता है.

(5क) स्मार्ट मीटर लगाने के बाद, उसकी तिथि से पहले की अवधि के लिए स्मार्ट मीटर से दर्ज की गई अधिकतम मांग के आधार पर उपभोक्ता पर कोई पेनाल्टी नहीं लगाई जाएगी.

(5ख) अगर स्मार्ट मीटर से रिकॉर्ड की गई अधिकतम मांग एक महीने में स्वीकृत भार से ज्यादा हो जाती है तो उस बिलिंग चक्र के लिए बिल की गणना वास्तविक रिकॉर्ड की गई अधिकतम मांग के आधार पर की जाएगी. उपभोक्ता को शॉर्ट मैसेज सर्विस या मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से गणना में इस परिवर्तन के बारे में सूचित किया जाएगा.

मूल नियमों में, नियम 8 के बाद ये नियम रखे जाएंगे-

(8क)टाइम ऑफ डे टैरिफ- दस किलोवाट से ज्यादा अधिकतम मांग वाले वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए टाइम ऑफ डे टैरिफ पहली अप्रैल, 2024 से पहले की तारीख से प्रभावी होगा और कृषि उपभोक्ताओं को छोड़कर अन्य उपभोक्ताओं के लिए टाइम और डे टैरिफ पहली अप्रैल, 2025 से पहले प्रभावी बनाया जाएगा और यह टाइम ऑफ डे टैरिफ स्मार्ट मीटरों वाले उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटरों को लगाने के ठीक बाद प्रभावी हो जाएगा.

दिन की व्यस्ततम अवधि के दौरान वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए राज्य आयोग की ओर से स्पेसिफाइड टाइम ऑफ डे टैरिफ, सामान्य टैरिफ के 1.20 गुना से कम नहीं होगा और अन्य उपभोक्ताओं के लिए यह सामान्य टैरिफ के 1.10 गुना से कम नहीं होगा, लेकिन राज्य आयोग की ओर से स्पेसिफाइड दिन के सौर घंटों के लिए टैरिफ उस श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए सामान्य टैरिफ से कम से कम 20 फीसदी कम होगा.

सामान्य टैरिफ एनर्जी चार्ज कंपोनेंट पर टाइम ऑफ डे टैरिफ लागू होगा. व्यस्ततम घंटों की अवधि राज्य आयोग या राज्य भार प्रेषण केंद्र की और से नोटिफाइड सौर घंटों से ज्यादा नहीं होगी. सौर घंटे का अर्थ राज्य आयोग की ओर से निर्दिष्ट एक दिन में आठ घंटे की अवधि है.

(8ख)टैरिफ प्रदर्शन- प्रत्येक श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए टैरिफ, वितरण लाइसेंसधारी की वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाएगा और उपभोक्ताओं को लाइसेंसधारी की वेबसाइट के साथ-साथ ऊर्जा बिलों या शॉर्ट मैसेज सर्विस या मोबाइल एप्लिकेशन और इसी प्रकार की सर्विस आदि के माध्यम से कम से कम एक महीने पूर्व फ्यूल सरचार्ज और अन्य चार्जेज को छोड़कर टैरिफ में परिवर्तन नोटिफाइड किया जाएगा.