Home राजनीति Manipur Violence: मणिपुर में नहीं सुधर रहे हालात, मंत्री के गोदाम में...

Manipur Violence: मणिपुर में नहीं सुधर रहे हालात, मंत्री के गोदाम में लगाई आग, दिल्ली में अमित शाह ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

28
0

मणिपुर में 3 मई को भड़की हिंसा के बाद से राज्य में शांति बहाल करने की तमाम कोशिशें फेल होती नजर आ रही है.

राज्य में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. कई इलाकों से गोलीबारी और आगजनी की खबरें सामने आ रही हैं. इस बीच अब एक मंत्री के प्राइवेट गोदाम में आग लगा दी गई है. जानकारी के मुताबिक शनिवार को उपद्रवियों ने पूर्वी इंफाल जिले के चिंगारेल में मणिपुर के मंत्री एल सुसिंद्रो के निजी गोदाम में आग लगा दी.

दमकल गाड़ियों ने आग पर जबतक काबू पाया, तब तक पूरा गोदाम जलकर खाक हो चुका था. इसके अलावा शुक्रवार रात को भी उपभोक्ता एवं खाद्य मामलों के मंत्री की एक अन्य संपत्ति और उसी जिले के खुरई में उनके आवास में आग लगाने की कोशिश की गई थी. मणिपुर में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इसमें टीएमसी और एनसीपी के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.

जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन

बता दें, मणिपुर में भड़की हिंसा को 50 दिन से ज्यादा बीत गए हैं लेकिन अभी भी कई इलाकों में हालात गंभीर बने हुए हैं. ऐसे में दिल्ली के जंतर-मंतर पर भी जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है.

दो जिलों में तीन दिनों से गोलीबारी

इसके अलावा मणिपुर के दो जिलों में पिछले तीन दिनों से हिंसा जारी है. पूर्वी इंफाल और कांगपोकपी में लगातार गोलीबारी की आवाज सुनाई दे रही है. यहां सुरक्षाबलों और अज्ञात हमलावरों के बीच पिछले तीन दिनों से मुठभेड़ जारी है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सुरक्षाबलों के सूत्रों का कहना है कि ये गोलीबारी आर्मी और बीएसएफ की जॉइंट पेट्रोलिंग टीम और हमलावरों के बीच हो रही है. हालांकि इसमें अभी तक किसी के हताहत होने की खबर सामने नहीं आई है. जानकारी के मुताबिक गोलीबारी पूर्वी इंफाल के दो गांव उरांगपत और ग्वालताबी और कांगपोकपी के यैंगांगपोकपी में हो रही है.

उरांगपत और ग्वालताबी गांव को बनाया निशाना

बताया जा रहा है कि हथियारबंद हमलावर उरांगपत और ग्वालताबी गांवों को निशाना बनाने के लिए येगांगपोकसी से पहाड़ी इलाकों की तरफ घुसे थे. इसके बाद उन्होंने ऑटोमैटिक हथियारों से फायरिंग शुरू कर दी. घटना की जानकारी मिलते ही सेना और बीएसएफ के जवानों तुरंत इलाके में तैनात हो गए और जवाबी कार्रवाई करने लगे. दोनों गांव में लगातार हो रहे हमलों को देखते हुए लोग गांव खाली करके चले गए हैं.