अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सहकारी समितियों को कॉरपोरेट सेक्टर जैसी सुविधाएं और मंच उपलब्ध कराया जा रहा है। केंद्र सरकार किसानों के कल्याण और कृषि क्षेत्र पर हर साल 6.5 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर 17वीं भारतीय सहकारी कांग्रेस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
इस मौके पर पीएम ने कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि उन्होंने (तत्कालीन संप्रग सरकार ने) 2014 से पहले 5 वर्षों में कृषि पर 90,000 करोड़ रुपये खर्च किए जबकि हमने केवल प्रधानमंत्री किसान योजना पर तीन गुना अधिक राशि खर्च की है।
पीएम ने कहा कि 2014 से पहले किसान कहते थे कि उन्हें सरकार की मदद बहुत कम मिलती है और जो थोड़ी मदद मिलती थी वो बिचौलियों के जेब में जाती थी। सरकारी योजनाओं के लाभ से देश के छोटे मझोले किसान वंचित ही रहते थे। पिछले 9 वर्षों में ये स्थिति बिल्कुल बदल गई है। आज करोड़ों छोटे किसानों को PM किसान सम्मान निधि मिल रही है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि सहकारी समितियों की ताकत बढ़ाने के लिए उनके लिए टैक्स की दरों को भी कम किया गया है। सहकारिता क्षेत्र से जुड़े जो मुद्दे वर्षों से लंबित थे, उन्हें तेज गति से सुलझाया जा रहा है। हमारी सरकार ने सहकारी बैंक को भी मजबूती दी है। सहकारी बैंक के लिए नियमों को आसान बनाया गया है।
पीएम ने कहा कि आज हमारा देश विकसित और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य पर काम कर रहा है। मैंने लाल किले से कहा है कि हमारे हर लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सभी का प्रयास आवश्यक है और सहकार की भावना भी तो सभी के प्रयास का ही संदेश देती है।
केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अभी देश में 85,000 PACS हैं। हमने लक्ष्य रखा है कि अगले 3 साल में देश के हर गांव में एक PACS होगा। इसका मतलब देश में 3 लाख से अधिक PACS होगा..।
शाह ने कहा, प्राथमिक कृषि ऋण सोसायटी (PACS) के उनियम और क़ानून पूरे देश में अलग-अलग थे। इसके अंदर एकवाक्यता लाने के लिए सहकारिता मंत्रालय ने PACS के सभी उपनियमों को बनाकर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को परामर्श के लिए भेजा है। 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इसे स्वीकार कर लिया है। सितंबर के बाद देश के 85% PACS एक ही उनियम से चलेंगे।