Home प्रदेश BJP ‘किसान और मजदूरों के हितैषी होने का केवल’ ढोंग; कांग्रेस

BJP ‘किसान और मजदूरों के हितैषी होने का केवल’ ढोंग; कांग्रेस

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साल के अंत में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. भारतीय जनता पार्टी किसानों के हितैषी होने का केवल ढोंग किया है. सही मायनों में चुनावी साल में ही केवल भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसान और मजदूरों की याद आती है, जबकि असल में वो किसान और मजदूर विरोधी हैं.

बिलासपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण विकास परिषद के कार्यक्रम में सीएम भूपेश बघेल ने जोर दिया कि मौजूदा समय में किसानों के सही मायने में हितैषी केवल छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार है. इसके लिए उन्होंने कुछ उदाहरण भी बताए और बताया कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने किस तरह से किसानों को अतिरिक्त बोनस देकर लाभ पहुंचाने की कोशिश की है. इसके बदले में केंद्र सरकार ने उनके धान खरीदने से भी मना कर दिया था.

सालाना ₹7000 भूमिहीन किसानों को दिए जा रहे

सीएम भूपेश बघेल बोले कि छत्तीसगढ़ में किसानों के लिए मौजूदा सरकार ने क्या कुछ किया इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि यहां भूमिहीन किसानों के लिए भी लगातार प्रयास किया जा रहे हैं. यहां सालाना ₹7000 ऐसे किसानों को दिया जा रहा है जिनकी खुद के खेत या जमीन नहीं है. भूमिहीन किसानों को दिए जाने वाले इस पैसे से उनके जीवन स्तर में सुधार हो रहा है.

सब कुछ ठीक रहा तो ₹3000 होगा धान का समर्थन मूल्य

छत्तीसगढ़ के सबसे सीनियर कैबिनेट मिनिस्टर रविंद्र चौबे ने इस बात पर जोर किया कि आखिरकार साल दर साल किसानों के हितैषी होने का दावा करने वाले भारतीय जनता पार्टी ने अब तक कुछ खास नहीं किया है. लेकिन अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो अगले साल छत्तीसगढ़ में धान का समर्थन मूल्य ₹3000 कर दिया जाएगा. फिलहाल यह ₹2500 प्रति क्विंटल है.

17 लाख किसानों के 325 करोड़ रुपए की कर्ज माफ

कृष‍ि मंत्री ताम्रध्वज साहू ने पहले ही बताया कि राज्य में कांग्रेस सरकार बनने के बाद हमने पहली ही कैबिनेट में किसानों का कर्ज माफ करने का फैसला ले लिया. अभी तक 17 लाख क‍िसानों का 9 हजार 720 करोड़ रुपये का कर्ज माफ क‍िया जा चुका है. इसके अलावा किसानों का 325 करोड़ रुपये का स‍िंचाई कर्ज भी माफ किया गया है. किसानों के कर्ज को माफ करना मतलब देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाना है . यहां किसान अगर कर्ज में रहेंगे तो वह आखिरकार कृषि आधारित राज्य को कैसे आगे बढ़ा पाएंगे. किसानों के हितों का ध्यान रखना प्रदेश सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारियां में से एक है. इसके ठीक विपरीत केंद्र सरकार किसानों के ऊपर रियायत या रहम करने के बजाय गैर जरूरी कानून लगाने में ही विश्वास रखती है.