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दो देश, दो कत्ल और दो गैंग… गैंगस्टर्स की लड़ाई ने पंजाब से कनाडा तक कैसे मचा दिया है खूनखराबा

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खालिस्तानी आतंकी निज्जर के मर्डर की पहेली ने पहले ही भारत और कनाडा के रिश्तो को झुलसा रखा है. और अब निज्जर के बाद कनाडा की उसी जमीन पर एक और गैंगस्टर का कत्ल हो जाता है. मगर इस बार ये कत्ल कोई पहेली नहीं है, क्योंकि कत्ल के महज़ कुछ घंटे बाद ही भारत की जेल में बंद दूसरे गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने सोशल मीडिया पर इस कत्ल की जिम्मेदारी ले ली.

एक और गैंगस्टर का खात्मा
करीब तीन महीने पहले कनाडा के सर्रे शहर में हुई खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की मौत पर शुरू हुआ बवाल अभी थमा भी नहीं था कि कनाडा से आई एक और खबर ने दुनिया भर चौंका दिया. ये खबर भी एक ऐसे गैंगस्टर के कत्ल की है, जो खालिस्तान का हिमायती था और खालिस्तानियों के इशारे पर ही भारत में आतंकी हरकतों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा था.

20 सितंबर 2023, सुबह 9 बजकर 30 मिनट
हैजल्टन ड्राइव रोड, विनिपैग, कनाडा

देवेंद्र बंबीहा गैंग से जुड़े खालिस्तानी गैंगस्टर सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा दुनुके कॉर्नर हाउस के फ्लैट नंबर 203 में दुबका हुआ था. लेकिन इसी बीच हमलावरों ने उसके घर पर धावा बोला और देखते ही देखते सुक्खा दुनुके के जिस्म में 9 गोलियां उतार दीं. और इसी के साथ भारत के खिलाफ साजिशें रचने वाले एक और गैंगस्टर का चैप्टर हमेशा-हमेशा के लिए क्लोज़ हो गया. दुकुने एक और खालिस्तानी गैंगस्टर अर्श डाला का राइट हैंड माना जाता था. वही अर्श डाला जिसने महज दो रोज पहले पंजाब के मोगा में कांगेस नेता बलजिंदर सिंह बल्ली का कनाडा से बैठे-बैठे कत्ल करवा दिया था. लेकिन इससे पहले कि डाला बल्ली की मौत का जश्न मना पाता, उसके दुश्मनों ने उसके खासमखास और राइट हैंड माने जाने वाले गैंगस्टर दुकुने को मार कर अपना हिसाब-किताब चुकता कर दिया.

सुक्खा के कत्ल के बाद वायरल हुई एक पोस्ट
लेकिन अभी कनाडा में एक और गैंगस्टर के कत्ल की ये खबर फिजा में तैरनी शुरू ही हुई थी कि अचानक सोशल मीडिया में एक ऐसी पोस्ट तैरने लगी, जिसने इस पूरे के के पूरे वाकये को ही एक नया मोड़ दे दिया. सुक्खा दुनुके के कत्ल को लेकर उठ रहे सवाल, इसके पीछे की साज़िश और दुनुके के पुराने टैक रिकॉर्ड समेत तमाम मसलों पर करेंगे बात, लेकिन आइए सबसे पहले सोशल मीडिया के उस पोस्ट पर एक नजर डाल लेते हैं, जो दुनुके के कत्ल के फौरन बाद लिखी गई. ये पोस्ट पंजाब की जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नाम के बनी एक एकाउंट से लिखी गई थी. पोस्ट इंग्लिश लेटर्स में मगर पंजाबी भाषा में थी.

लॉरेंस बिश्नोई की फेसबुक पोस्ट
उस फेसबुक पोस्ट में लिखा है, ‘हां जी सत श्री कॉल, राम राम.ये सुक्खा दुनिके के बंबिहा ग्रुप का जो इंचार्ज बना फिरता था उसका मर्डर हुआ है कनाडा के विनिपेग सिटी में. उसकी जिम्मेदारी लारेंस बिश्नोई ग्रुप लेता है. इस ड्रग एडिक्टेड नशेड़ी और सिर्फ अपने नशे को पूरा करने के लिए पैसों के लिए उसने बहुत घर उजाड़े थे. हमारे भाई गुरलाल बराड़, विक्की मिद्दुखेड़ा के मर्डर में इसने बाहर बैठकर सबकुछ किया. संदीप नंगल अंबिया का मर्डर भी इसने करवाया था पर अब इसके किए हुए पापों की सजा उसे मिल गई है. बस एक बात कहनी है जो दुक्कियां टिक्कियां अभी भी रह गई हैं जहां मर्जी भाग लो, दुनिया में किसी भी देश में चले जाओ. मत सोचो हमारे साथ दुश्मनी लेकर बचोगे, टाइम जरूर कम ज्यादा लग सकता है. लेकिन सजा सबको मिलेगी.’

विदेशों तक जा पहुंची गैंगवॉर
जाहिर है लॉरेंस बिश्नोई के नाम से लिखा गया ये पोस्ट अपने-आप में ये बताने के लिए काफी है कि उत्तर भारत और खास कर पंजाब के गैंगस्टरों के बीच दुश्मनी कितनी गहरी है और किस तरह गैंगस्टर कभी देश में तो कभी विदेश में बैठ कर एक दूसरे की जान ले रहे हैं.

कनाडा ही था सुक्खा का ठिकाना
कांधे पर दो-दो बंदूक लिए बड़ी शान से तस्वीर खिंचवाने वाला ये वही सुक्खा दुनुके है, जो अब तस्वीरों में ही कैद हो कर रह गया है. दुनुके पर भारत में करीब 27 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें चार मामले तो क़त्ल के ही हैं. दुनुके को खालिस्तानी आतंकी और गैंगस्टर अर्श डाला का करीबी माना जाता है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वो कनाडा में ही छुपा है. डाला के साथ दुनुके का भी ठिकाना इन दिनों कनाडा ही था, लेकिन उसके दुश्मनों ने उसे ढेर कर दिया. जुर्म की दुनिया में दुनुके के कद कैसा था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी यानी एनआईए ने हाल ही में जिन 47 फरार गैंगस्टरों की लिस्ट जारी की थी, उनमें सुखदुल सिंह उर्फ सुक्खा दुनुके का नाम भी शामिल था.

एनआईए की लिस्ट में था दुनुके का नाम
बल्कि अकेले एनआईए ही क्यों, पंजाब पुलिस ने जिन नौ गैंगस्टरों को अपना मोस्ट वॉन्टेड बताया था, उसमें दुनुके का नाम शामिल था. इतेफाक देखिए कि एक रोज पहले ही एनआईए ने नए सिरे से 47 आतंकियों और गैंगस्टरों की लिस्ट जारी कर उनके साथ-साथ उनकी प्रॉपर्टी के बारे में भी जानकारी मांगी थी, लेकिन इससे पहले कि एनआईए को कोई नई जानकारी मिलती, दुनुके का काम तमाम हो गया. जाहिर है अब पंजाब पुलिस से लेकर एनआईए तक को उसके नाम और तस्वीर के आगे क्रॉस यानी काटे का निशान लगाने का मौका मिल गया है.

फर्जी दस्तावेजों से हासिल किया था पासपोर्ट-वीजा
सुक्खा कनाडा में बैठकर भारत में अपने गुर्गों के जरिए रंगदारी या उगाही का काम भी करता था. सुक्खा दुनेके ने कनाडा भागने के लिए 2017 में जाली दस्तावेजों के जरिए पासपोर्ट हासिल किया था. और इसके लिए पुलिस क्लीयरेंस लेने में भी कामयाब हो गया था. जबकि उसके खिलाफ तब तक सात आपराधिक मामले दर्ज थे. पुलिस वालों से मिलीभगत करके उसने कनाडा का वीजा हासिल कर लिया. दुनुके के खिलाफ इस जुर्म में भी अलग से मामला दर्ज किया गया था. पंजाब पुलिस के 2 कर्मियों पर उसकी मदद करने का आरोप और दोनों पुलिसवाले मोगा से गिरफ्तार किए गए थे.

गैंगस्टर गोल्डी बराड़

कनाडा में ही छुपा बैठा है गोल्डी बराड़
आपको याद होगा कि कुछ समय पहले आजतक ने कनाडा में छुपे बैठे गोल्डी बराड़ से फोन पर बात की थी और वहां से चल रहे उसके जुर्म के साम्राज्य को लेकर तमाम सवाल पूछे थे. तब आजतक ने उससे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से उसके रिश्ते को लेकर भी सवाल किए थे, जिसके जवाब में गोल्डी बराड़ ने कहा था कि उसका और उसके गैंग का आईएसआई और दाऊद इब्राहिम जैसे लोगों से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि वो तो इनके खिलाफ हैं. गोल्डी ने कहा था कि वो आतंकवाद और बम धमाके करनेवाले लोगों के खिलाफ है और उसका ग्रुप कभी खालिस्तान का समर्थन नहीं करता. ऐसे में अब जब गोल्डी के साथी लॉरेंस बिश्नोई ने अपने फेसबुक एकाउंट से दुनुके के कत्ल की जिम्मेदारी ली है, तो इसे कनाडा में बैठे गोल्डी बराड़ से भी जोड कर देखा जा रहा है.

पंजाब पुलिस को है इन आतंकियों की तलाश
वैसे कानून और भारत के दुश्मन गैंगस्टर और आतंकवादी बेशक एक-एक कर देश विदेश में मारे जा रहे हों, लेकिन अभी भी वैसे आतंकियों की लिस्ट काफी लंबी है, जो विदेशों में छुप कर भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. पंजाब पुलिस की ओर से जारी किए गए मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में अब से पहले तक दुनुके का नाम भी शामिल था, लेकिन अब दुनुके गुजरे वक्त की बात बन चुका है. लेकिन जिन आतंकियों की अभी भी पंजाब पुलिस को तलाश है, उनमें के नाम कुछ यूं हैं-

– गुरपिंदर सिंह उर्फ बाबा दल्ला
– सतवीर सिंह वारिंग उर्फ सैम
– स्नोवर ढिल्लन
– लखबीर सिंह उर्फ लांडा
– अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डाला
– चरणजीत सिंह उर्फ रिंकू बिहला
– रमनदीप सिंह उर्फ रमन जज
– गगनदीप सिंह उर्फ गगना हठूर

खालिस्तानी-गैंगस्टर्स के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी
अब बात भारत में ऐसे आतंकियों और गैंगस्टर्स के खिलाफ चल रही कार्रवाई की. एनआईए तो खैर ऐसे लोगों के खिलाफ शिकंजा कस ही रहा है है, गुरुवार को पंजाब पुलिस ने भी पंजाब के अलग-अलग शहरों में गैंगस्टर्स और उनके खासमखास माने जाने वाले लोगों के ठिकानों पर क्रैकडाउन कर दिया. पंजाब पुलिस ने एक साथ एक हजार ठिकानों पर दबिश दी, जिसमें अकेले गोल्डी बराड़ के 81 ठिकाने शामिल थे. 30 टीमों में बंटे लगभग साढे तीन से ज्यादा पुलिसकर्मियो ने पंजाब पुलिस के इस महा अभियान में हिस्सा लिया. पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के कत्ल का मुल्जिम गोल्डी कनाडा में छिपा है. उसके खिलाफ कत्ल, कत्ल की कोशिश और हथियारों की तस्करी जैसे लगभग 13 मामले दर्ज हैं.

खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर

निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर इल्जाम
खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की मौत के बाद कनाडा सरकार ने स्टैंड ने वहां के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की अच्छी खासी किरकिरी करा दी है. ट्रूडो ने जिस तरह से निज्जर की मौत के बाद बगैर किसी सबूत के भारत पर इल्जाम लगाया है, उसे लेकर वो दुनिया भर में नहीं बल्कि खुद अपने देश में घिरते नजर आ रहे हैं. खुद भारत ने ट्रूडो के इस रवैये पर करारा जवाब दिया है, जिसके बाद अब ट्रूडो को समझ में नहीं आ रहा कि आखिर वो करें तो क्या करें.

कनाडा के खिलाफ भारत का स्टैंड
भारत ने अव्वल तो ट्रूडो के लगाए तमाम आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. दूसरा भारत ने कनाडा के फैसले पर पलटवार करते हुए उसके राजनायिक को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया है. तीसरा भारत ने कनाडा में रह रहे भारतीयों को सावधान रहने की एडवायजरी जारी की है. चौथा भारतीय एजेंसी एनआईए ने नए सिरे से विदेशों में छुपे आतंकियों और गैंगस्टरों की लिस्ट जारी की है. और पांचवां भारत ने कनाडाई नागरिकों के लिए फिलहाल वीजा सेवा पर रोक लगा दी है.

ट्रूडो की सियासी मजबूरी
सच्चाई यही है कि खुद कनाडा के लोग भी अब ट्रूडो को घेरने लगे हैं. ट्रूडो के गैरजिम्मेदाराना बयान पर वहां के पत्रकार टेरी माइलवस्की ने उन्हें घेरा है. हालांकि अब दुनिया जानती है कि ऐसा करना ट्रूडो की सियासी मजबूरी है, क्योंकि उनकी सरकार खुद ही खालिस्तानियों की बैसाखी पर टिकी है. हाल में कराए गए कुछ सर्वे ट्रूडो की खिसकती सियासी जमीन की तरफ इशारे करते हैं.

कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो

ट्रूडो के पक्ष में नहीं 56 फीसदी लोग
अगस्त में कराए गए एक एबेकस डेटा पोल के मुताबिक कनाडा के 56 फीसदी लोग मानते हैं कि ट्रूडो को पद छोड़ देना चाहिए और पार्टी से किसी और को कमान सौंप देनी चाहिए. सिर्फ 27 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें फिर से अगला चुनाव लड़ना चाहिए. इस सर्वे के मुताबिक 17 फीसदी लोग ऐसे थे जो इस सवाल पर कनफ्यूजन में थे.

कम हो रही है ट्रूडो की लोकप्रियता
कनाडा की एक और रिसर्च कंपनी एंगल रीड इंस्टीट्यूट ने कहा – 63 प्रतिशत नागरिक नहीं चाहते कि ट्रूडो पद पर बने रहें. जाहिर है ट्रूडो की लोकप्रियता का ग्राफ लगातार नीचे जा रहा है. कनाडा में महंगाई आसमान पर है, ब्याज बढ़ने से मकान खरीदने का संकट खडा हो गया है और बेलगाम अपराध ने रही सही कसर भी पूरी कर दी है. ट्रूडो ने जी20 में छवि चमकानी चाही, लेकिन खालिस्तान पर पीएम मोदी का दो टूक बयान और दिल्ली में खराब उनके हवाई जहाज ने उनकी साख को धक्का पहुंचाया.

राजनायिकों पर हमले की आशंका
वैसे भी जिस देश में गुरपतवंत सिंह पन्नू जैसे खालिस्तानी खुल कर दूसरे देश यानी भारत विरोधी बातें करते हों, जो देश आतंकियों और गैंगस्टर्स की शरण स्थली बन चुका हो, जिस देश में आतंकवादी राजनायिकों पर हमले के लिए लोगों को उकसा रहे हों, समाज में नफरत के बीज बो रहे हों, उस देश का प्रधानमंत्री अगर अपने यहां होने वाले आपराधिक वारदात के लिए किसी दूसरे देश पर ऊंगली उठाए, तो फिर वैसे प्रधानमंत्री की किरकिरी तय है.