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NCP में फिर हलचल, अजित पवार गुट ने शरद पवार के विधायकों के खिलाफ दायर की अयोग्यता याचिका

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एनसीपी में जुलाई के शुरुआती दिनों से उठा तूफान अभी खत्म नहीं हुआ है, बल्कि इसके ऑफ्टर इफेक्ट महाराष्ट्र की राजनीति बार-बार हिलोरे लाते दिख रहे हैं. चाचा शरद पवार और भतीजे अजित के बीच में बंटी एनसीपी के दोनों गुट लगातार आमने-सामने हैं और शुक्रवार को इसमें एक और नया प्रकरण जुड़ गया है.

असल में अजित पवार गुट ने शरद पवार के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की है. सामने आया है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अजीत पवार गुट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय में शरद पवार समूह के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की है.

जवाबी कार्रवाई में दायर की गई याचिका
यह याचिका अभी भी शरद पवार खेमे का समर्थन कर रहे कुछ विधायकों के खिलाफ दायर की गई है. यह कदम शरद पवार खेमे द्वारा अजित पवार गुट का समर्थन करने वाले लगभग 41 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर करने के बाद आया है. याचिका में जिन लोगों के नाम शामिल हैं, उनमें जयंत पाटिल, जितेंद्र, रोहित पवार, राजेश टोपे, अनिल देशमुख, संदीप क्षीरसागर, मानसिंह नाइक, प्राजक्ता तनपुरे, रवींद्र भुसारा, बालासाहेब पाटिल शामिल हैं.

6 अक्टूबर को सुनवाई के लिए बुलाया
अयोग्यता याचिका की सूची से नवाब मलिक, सुमन पाटिल, अशोक पवार और चेतन तुपे को बाहर कर दिया गया. कुछ दिन पहले, एनसीपी के शरद पवार और अजीत पवार के नेतृत्व वाले दोनों गुटों के वरिष्ठ नेताओं ने कहा था कि पार्टी में कोई विभाजन नहीं है. चुनाव आयोग ने अजित समूह द्वारा दायर याचिका के बाद 6 अक्टूबर को एनसीपी के प्रतिद्वंद्वी गुटों को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए बुलाया है, जिसमें दावा किया गया है कि उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुना गया है.

जुलाई में एनसीपी में हुई थी टूट
अभी बीते दिनों एनसीपी के शरद पवार गुट और अजीत पवार गुट के वरिष्ठ नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि एनसीपी में किसी तरह का कोई बंटवारा नहीं है. एनसीपी नेता अजित पवार ने बीती जुलाई में पार्टी संस्थापक और अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ विद्रोह करते हुए कई विधायकों के साथ अलग हो गए थे, और नया गुट बना लिया था. उसके बाद अजित पवार महाराष्ट्र की भाजपा-शिवसेना गठबंधन में शामिल होकर उपमुख्यमंत्री बन गये थे.