मणिपुर हिंसा : कानून-व्यवस्था को देखते हुए सरकार ने ये फैसला लिया है. हाल ही में 2 छात्रों की मौत के बाद लोगों में गुस्सा है और हजारों छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. मणिपुर सरकार ने घाटी के 19 पुलिस स्टेशनों को छोड़कर राज्य के पहाड़ी इलाकों में AFSPA को 6 महीने के लिए बढ़ा दिया है, जिसकी शुरुआत 1 अक्टूबर से होगी.
करीब 150 दिनों से मणिपुर जल रहा है, लगातार हिंसा की वारदातें सामने आ रही हैं. राज्य में अब तक ना जाने कितने लोगों की जान चली गई, हजारों लोग बेघर हो गए, केंद्र सरकार कोई कदम नहीं उठा रही.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता की चिंता सता रही है. मणिपुर जल रहा है लेकिन पीएम मणिपुर पर ध्यान देने की बजाए चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि पीएम को मणिपुर की जनता की कोई फिक्र नहीं है.
हत्या के खिलाफ हजारों छात्रों का प्रदर्शन
इधर राजधानी इंफाल में हत्या के खिलाफ हजारों छात्रों का प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी है. घटना से नाराज छात्रों ने विरोध प्रदर्शन कर रैली निकाली और जमकर नारेबाजी की. छात्रों का कहना है कि वो लोग अपने साथी छात्रों के अपहरण और हत्या के खिलाफ काले बैज पहनकर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
CBI जांच में देरी से नाराज सड़कों पर उतरी महिलाएं
कुकी समुदाय की संस्था, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) की महिला शाखा विंग ने आदिवासियों की हत्या और बलात्कार के मामले में सीबीआई की जांच में देरी के खिलाफ चुराचांदपुर में प्रदर्शन किया. महिला विंग की संयोजक का कहना है कि उन्हें हैरत है की आदेश के बाद भी अभी तक कुकी समुदाए के लोगों की हत्याओं और बलात्कारों की जांच शुरू नहीं की गई.
इस बीच हिंसा की आंशका को देखते हुए इंफाल में मणिपुर पुलिस, सीआरपीएफ और आरएएफ के जवान तैनात किए गए हैं. अधिकारियों के मुताबिक पुलिस हालात पर नजर बनाए हुए हैं और चप्पे-चप्पे पर नजर रखी गई है ताकि किसी भी तरह की हिंसा को रोका जा सके.