Home समाचार छत्तीसगढ़ : रिश्वतखोरी मामले की जांच ‘सीबीआई’ को मिली मंजूरी

छत्तीसगढ़ : रिश्वतखोरी मामले की जांच ‘सीबीआई’ को मिली मंजूरी

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5 फरवरी को सीबीआई ने बीएसपी के जिस कर्मचारी को पकड़ा था जिसका नाम समसुल शमा है। उस पर मकान आवंटित करने के नाम पर 5 हजार रुपये रिश्‍वत लेने का आरोप है। सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने रिश्‍वत की रकम के साथ उसे रंगे हाथ पकड़ा है। बताया जा रहा था कि, सीबीआई को समसुल के संबंध में शिकातय मिली थी कि उसने एक व्‍यक्ति से मकान आवंटित करने के नाम पर 20 हजार रुपये रिश्‍वत की मांग की थी। इसकी शिकायत सीबीआई की रायपुर स्थित एंटी करप्‍शन यूनिट से की गई। इसके बाद शिकायतकर्ता ने शमा से सौदेबाजी की और 5 हजार रुपये में सौदा तय हो गया। शमा ने 5 हजार रुपये लेकर मकान अलाट करने की बात कही। आज योजनाबद्ध तरीके से सीबीआई ने से गिरफ्तार कर लिया। बताया जाता है कि शमा मूल रुप से बीएसपी के पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट का कर्मचारी है। पिछले 4 महीने से उसे वह तोड़ूदस्ता में शामिल किया गया था।

छत्‍तीसगढ़ में सीबीआई के प्रवेश पर 10 जनवरी 2019 से रोक लगी हुई है। दिसंबर 2018 में प्रदेश में सत्‍ता परिवर्तन होते ही तब की तत्‍कालीन कांग्रेस सरकार ने 2019 में सीबीआई को दी गई सहमति तत्‍काल प्रभाव से रद्द कर दी। आपको बता दें कि,  सीबीआई को किसी भी राज्‍य में कार्यवाही के लिए संबंधित राज्‍य से सहमति लेना जरुरी है।

राज्य की विष्‍णुदेव साय सरकार ने सीजी पीएससी की भर्ती में हुई गड़बड़ी की जांच का मामला सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है। इस प्रस्‍ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। केस सीबीआई को सौंपने की प्रक्रिया के तहत एसीबी-ईओडब्‍ल्‍यू में मामला भी दर्ज कर लिया गया है। यही केस अब सीबीआई को ट्रांसफर किया जाएगा।