भारत दुनिया भर में हथियारों की खरीद के मामले में पहले पायदान पर पहुंच गया है। स्वीडन की स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट यानी एस.आई.पी.आर.आई. जारी की गई ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 5 वर्षों में सबसे ज्यादा हथियार एशियाई देशों ने खरीदे हैं और भारत का इस सूची में नाम सबसे ऊपर है।
जबकि आर्थिक बदहाली के बावजूद पाकिस्तान भी इस सूची में पांचवें नंबर पर है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2014-2018 की तुलना में 2019-2023 में यूरोप में हथियारों की खरीद दोगुना हो गई है। इसका बड़ा कारण रूस और यूक्रेन की जंग को माना जा रहा है। जिसके चलते अमरीका के हथियारों के निर्यात में भी 17 फीसदी का इजाफा हुआ है।
निर्यात में अमरीका पहले स्थान पर रिपोर्ट के मुताबिक परंपरागत रूप से हथियारों के सबसे बड़े सौदागर देश रूस के निर्यात में यूक्रेन से जंग के बाद निर्यात में बड़ी गिरावट देखी गई है। अलबत्ता रूस हथियार बेचने में तीसरे नंबर पर पहुंच गया। अमरीका पहले और फ्रांस दूसरे स्थान पर काबिज हैं। फ्रांस का हथियार निर्यात 2014-18 और 2019-23 के बीच 47 फीसदी बढ़ा है। फ्रांस के हथियार का सबसे बड़ा खरीदार भारत रहा है, जो फ्रांस के कुल निर्यात का करीब 30 फीसदी रहा है। हाल के समय में भारत ने फ्रांस से राफेल फाइटर जेट खरीदे हैं। रूस का हथियार निर्यात 2014-18 और 2019-23 के बीच 53 फीसदी तक गिर गया है। 2019 में जहां उसने 31 देशों को हथियार बेचे तो 2023 में सिर्फ 12 देशों ने ही उससे हथियार खरीदे।
रूस से भारत ने की सबसे ज्यादा खरीद 2014-18 और 2019-23 के बीच भारत का हथियार आयात 4.7 फीसदी बढ़ा है। भारत 9.8 फीसदी हथियार आयात के साथ दुनिया में पहले नंबर पर है। रूस से भारत ने सबसे ज्यादा हथियार खरीदे और भारत के कुल हथियार आयात का यह 36 फीसदी रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 1960-64 के सोवियत समय के बाद यह पहली बार है जब भारत के हथियार आयात में रूस की हिस्सेदारी 50 फीसदी से कम है।
दुनिया में हथियारों के सबसे बड़े खरीदार
देश | हथियारों का आयात (%) |
भारत | 9.8 |
सऊदी | 8.4 |
कतर | 7.6 |
यूक्रेन | 4.9 |
पाकिस्तान | 4.3 |
जापान | 4.1 |
मिस्र | 4.0 |
ऑस्ट्रेलिया | 3.7 |
द. कोरिया | 3.1 |
चीन | 2.9 |