चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव की तारीखों को अधिसूचित करने के एक दिन बाद छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने चुनावी बॉन्ड योजना को लेकर भाजपा पर जमकर हमला बोला है।
कांग्रेस नेता ने कहा, “यह साल का सबसे बड़ा घोटाला है। बीजेपी को लग रहा है कि वह लोकसभा चुनाव हार रही है और इसलिए विपक्ष के खिलाफ नए हथकंडे अपना रही है।”
हालांकि, चुनावी बॉन्ड योजना के बचाव में उतरते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा कि विपक्ष चुनावी बांड योजना को लेकर भाजपा पर निराधार आरोप लगा रहा है।
उन्होंने कहा, “चुनावी बांड योजना के तहत धन प्राप्त करने के लिए विपक्ष भाजपा के खिलाफ अफवाह फैला रहा है।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “टीएमसी, जो केवल एक क्षेत्रीय पार्टी है। उसे उस योजना के तहत 1600 करोड़ रुपये मिले हैं, जबकि कांग्रेस को 1400 करोड़ रुपये मिले हैं और बीआरएस को 1200 करोड़ रुपये मिले हैं। चुनावी बांड योजना सभी राजनीतिक दलों को धन जुटाने के लिए है और सभी पार्टियां अपने खर्चों को पूरा करने के लिए बांड को भुना सकती हैं।”
बघेल ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “अब कांग्रेस आरोप लगा रही है कि केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर कंपनियों से जबरन वसूली करने के लिए चुनावी बॉन्ड योजना शुरू की गई थी। उनके शासनकाल में ट्रांसफर पोस्टिंग या ठेके सौंपने को भी पार्टी फंड के तहत सूचीबद्ध किया गया था।”
इससे पहले चुनाव आयोग ने चुनावी बांड पर ताजा डेटा सार्वजनिक किया था, जिसे पहले जनता के लिए उपलब्ध कराने के शीर्ष अदालत के निर्देश के बाद सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को प्रस्तुत किया गया था। चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा, “भारत के चुनाव आयोग ने आज चुनावी बांड पर सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से डिजिटल रूप में प्राप्त डेटा को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।”
चुनाव आयोग ने शुरुआत में सीलबंद लिफाफे में विवरण सुप्रीम कोर्ट को सौंपा और बाद में उन्हें सार्वजनिक डोमेन में डालने के लिए कहा गया। विशेष रूप से यह जानकारी 12 अप्रैल, 2019 से पहले हुए लेनदेन से संबंधित है। इस डेटा के बाद जारी किए गए चुनावी बांड का विवरण पिछले सप्ताह चुनाव आयोग द्वारा खुलासा किया गया था।