देश में लोकसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है। चुनाव आयोग ने देश के सुपर सीनियर सिटीजन यानी 85 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति डाक मतपत्र का ऑप्शन चुन सकते हैं और अपना वोट घर से ही डाल सकते हैं।
साथ ही दिव्यांग नागरिक भी घर से वोट डालने के लिए डाक मतपत्र का विकल्प चुन सकते हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इस विकल्प का ऐलान किया है। राजीव कुमार ने कहा कि आम तौर पर ट्रेंड यह रहा है कि वरिष्ठ नागरिक प्रक्रिया में भाग लेना चाहते हैं और बूथ तक जाना भी चाहते हैं। लेकिन कई बार उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसलिए हमने इस बार उन्हें अपने घर से ही मतदान करने का विकल्प दिया है।
मतदाताओं की संख्या
चुनाव आयोग के अनुसार, इस सुविधा का लाभ 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग व्यक्ति भी उठा सकते हैं। दोनों श्रेणियों के मतदाताओं को चुनाव अधिसूचना जारी होने के पांच दिनों के भीतर चुनाव आयोग के पास फॉर्म 12 डी दाखिल करना होगा। चुनाव आयोग ने कहा कि 10 मार्च 2024 तक देश में 85 साल से ऊपर के 81,87,999 वरिष्ठ नागरिक मतदाता और 100 साल से ऊपर के 2,18,442 मतदाता हैं।
चुनाव आयोग करेगा इंतजाम
देश के वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांग नागरिक भी लोकसभा के चुनाव में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकें, इसके लिए चुनाव आयोग ने यह व्यवस्था बनाई है। इस तरह बुजुर्ग मतदाता अपने घर बैठे ही वोट डाल पाएंगे। अपनी सेवाएं दे रहे वॉलिंटियर्स इसमें सहायता करेंगे। चुनाव आयोग इन वोटर्स के घर पर 12 भेजेगा। इसके जरिए लोग घर से ही अपना वोट डाल पाएंगे।
क्या है पूरा प्रोसेस
घर से वोट डालने की प्रक्रिया आसान है। जिला निर्वाचन अधिकारी (कलेक्टर) मुख्य मतदान दिन से पहले घरेलू मतदान के लिए दिन तय करता है। मतदाताओं को घर पर ही डाक मतपत्र उपलब्ध कराया जाएगा। वे इस पर अपनी पसंद के उम्मीदवार को चिह्नित कर सकते हैं और चुनाव अधिकारी चुनाव की अधिसूचना के पांच दिन बाद उनसे इसे एकत्र करेंगे। प्र
त्येक 4-5 सदस्यों वाली टीमें- जिनमें चुनाव अधिकारी, एक वीडियोग्राफर और पुलिस शामिल हैं। टीम घर पर मतदाता से मुलाकात करती हैं। मतपेटी और प्राइवेसी के लिए एक पार्टिशन साथ रखती है। मतदान की वीडियोग्राफी की जाती है। कुल मिलाकर लगभग 20 मिनट का समय लगता है। ऐसे वोटर्स के वोटों की गिनती डाक मतपत्रों से की जाती है।