शराब नीति घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट से राज्य के मुख्यमंत्री व आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की हिरासत की अवधि 7 दिन बढ़ाने की मांग की।
हालांकि, कोर्ट ने केजरीवाल को अगले चार दिनों के लिए प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया है। जिन्हें 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था और बाद में 28 मार्च तक संघीय एजेंसी की हिरासत में भेज दिया गया था।
वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा के समक्ष कोर्ट में केजरीवाल का प्रतिनिधित्व किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ईडी की ओर से पेश हुए एएसजी एसवी राजू और विशेष वकील जोहेब हुसैन ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली के सीएम का कुछ अन्य लोगों से आमना-सामना कराने की जरूरत है।
‘केजरीवाल नहीं कर रहे सहयोग’
प्रवर्तन निदेशालय ने रिमांड आवेदन दायर किया और एएसजी राजू ने कहा कि हमें कुछ अन्य लोगों से उनका सामना कराने के लिए पूछताछ के लिए अरविंद केजरीवाल की और हिरासत की आवश्यकता है। आप गोवा के कुछ उम्मीदवारों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। एएसजी ने आगे कहा कि अरविंद केजरीवाल के बयान दर्ज किए गए हैं और उन्होंने गोलमोल जवाब दिए। वह जानबूझकर हमारे साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं।
ईडी ने क्या पेश किया तर्क?
ईडी ने तर्क दिया कि अरविंद केजरीवाल ने पासवर्ड का खुलासा नहीं किया है। इसलिए हमारे पास डिजिटल डेटा तक पहुंच नहीं है। वह कहते हैं कि वह अपने वकीलों से बात करेंगे और फिर तय करेंगे कि पासवर्ड देना है या नहीं। अगर वह नहीं देते हैं, तो हमें इसे तोड़ना होगा।
केजरीवाल ने बताया राजनीतिक साजिश
अदालत में पेश होने से पहले, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली एलजी वीके सक्सेना की ‘सरकार जेल से नहीं चल सकती’ टिप्पणी पर मीडिया के एक सवाल के जवाब में कहा कि यह एक राजनीतिक साजिश है। जनता करारा जवाब देगी।
बीते बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को केजरीवाल की हिरासत से रिहाई की मांग वाली याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए 2 अप्रैल तक का समय दिया। कोर्ट ने एक्साइज पॉलिसी मामले में आम आदमी पार्टी सुप्रीमो की गिरफ्तारी पर दखल देने से इनकार कर दिया।
‘छापेमारी में ईडी के हाथ खाली’, केजरीवाल की पत्नी का दावा
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने कहा था कि गिरफ्तार नेता गुरुवार को अदालत में दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले का विवरण पेश करेंगे। सुनीता ने लिकरगेट मामले को “तथाकथित शराब घोटाला” कहा और दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई कई छापेमारी में कोई पैसा नहीं मिला।
एक डिजिटल ब्रीफिंग में उन्होंने कहा कि उनके पति 28 मार्च को सच्चाई का खुलासा करेंगे। केजरीवाल की पत्नी ने कहा कि दो साल की जांच के बावजूद, ईडी सबूत के तौर पर एक पैसे का भी पता नहीं लगा पाई है। उन्होंने मुख्यमंत्री के आवास पर छापा मारा। लेकिन, उन्हें सिर्फ 73,000 रुपये मिले।
क्या है शराब नीति घोटाला?
आपको बता दें कि शराब नीति घोटाला मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की उत्पाद शुल्क नीति को तैयार करने और क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था।