छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा क्षेत्र में से एक राजनांदगांव लोकसभा सीट हाई हाइप्रोफाइल सीटों में एक है। छत्तीसगढ़ में पिछले दो लोकसभा चुनाव के आंकड़ों को देखें तो बीजेपी का प्रदर्शन अच्छा रहा है। 2014 में बीजेपी ने यहां 9 और 2019 में 10 सीटें जीती थी। इन सबके बीच बात करें दूसरे चरण में होने जा रहे मतदान की तो 26 अप्रैल को राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर (ST) सीट पर मतदान होगा। इस लोकसभा में धर्मांतरण बनेगा बड़ा मुद्दा!
ये मुद्दे तय करेंगे भाजपा-कांग्रेस की जीत-हार
बीजेपी का गढ़ है राजनांदगांव; राजनांदगांव सीट बीजेपी का गढ़ कही जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि साल 1999 से पांच बार बीजेपी इस सीट पर जीत दर्ज कर चुकी है। बता दें कि यहां कुल 15 प्रत्याशी मैदान पर हैं। एक तरफ जहां इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मैदान में उतारा है तो वहीं बीजेपी ने यहां अपने मौजूदा सांसद संतोष पांडे पर ही भरोसा जताया है।
18,69,229 मतदाता करेंगे वोट : कुल मतदाता- 18,69,229 हैं। जिसमें पुरुष – 9,29,669, महिला – 9,38,334, अन्य- 08 मतदाता है। वहीं, 2330 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। जनगणना 2011 के अनुसार लोकसभा क्षेत्र में जातिगत देखें तो लगभग 15.7% साहू , 7.1% यादव, 4.9% वर्मा, 4.9% पटेल व इसके बाद सभी जातियां है।
चुनावी मुद्दें : लोकसभा क्षेत्र के पिछली रिकार्ड को देखा जाय तो जातिगत मुद्दे यहां हावी नही रहते हैं। 8 विधानसभा क्षेत्र के राजनांदगांव लोकसभा में कांग्रेस से भूपेश बघेल व भाजपा से वर्तमान सांसद संतोष पांडे के बीच सीधा मुकाबला है। महतारी वंदन, भूपेश बघेल के शासनकाल में राजनांदगांव की उपेक्षा, हिंदुत्व व नरेंद्र मोदी के नाम पर ही वोट पडे़गा। स्थानीयता व दोनों ही पार्टियों में भीतरघात जीत- हार के एक और कारण हो सकते हैं.