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छत्तीसगढ़ : बेमेतेरा के पिरदा में बारूद फैक्ट्री में धमाके के मामले में कांग्रेस ने उठाए सरकार पर गंभीर सवाल, तीन दिन बाद भी नहीं हुई FIR…

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बेमेतरा जिले की बेरला तहसील के पिरदा गांव में स्थित स्‍पेशल ब्‍लास्‍ट फैक्ट्री में हुए हादसे के 72 घंटे बाद किसी भी जिम्मेदार पर एफआइआर दर्ज नहीं की गई है। इस पर पूर्व मंत्री भूपेश बघेल ने सरकार ने पांच सवाल पूछते हुए हादसे के आरोपितों को बचाने का आरोप लगाया है।

बेमेतेरा के पिरदा में बारूद फैक्ट्री में धमाके के मामले में कांग्रेस ने सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं। विपक्ष ने कहा है कि राजधानी से महज 22 किमी. दूर गांव में फैक्ट्री में धमाके से लोगों के शरीर के चिथड़े उड़ गए। प्रशासन को अब तक गायब लोगों की जानकारी नहीं मिल पाई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय घटनास्थल पर नहीं पहुंच पाए हैं। आखिरकार उन्हें पहुंचने में देरी क्यों हो रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से कहा है कि बेमेतरा में नौ लोगों की मौत के बाद भी अभी तक एक भी एफआइआर दर्ज नहीं की गई है। यह गंभीर सवाल है। घटना के 72 घंटे बाद भी एफआइआर दर्ज नहीं है। दोषियों को किसका संरक्षण मिल रहा है। अब तक कितने मजदूर लापता है। इसकी जानकारी भी प्रशासन को नहीं है।

बेमेतरा ब्लास्ट: किसकी “गारंटी” और किसके “सुशासन” में गुनेहगारों को संरक्षण दिया जा रहा है? सत्ता के किस करीबी को बचाने का प्रयास?

जवाब तो देना होगा-

1. 48 घंटे बाद भी घटना की अब तक FIR क्यों नहीं?

2. क्या प्रशासन ने फैक्ट्री प्रबंधन से पूछा है कि घटना वाले दिन कितने मजदूर वहां…

पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने उठाएं यह सवाल

1. घटना के 72 घंटे बाद भी अब तक एफआइआर क्यों नहीं?

2. क्या प्रशासन ने फैक्ट्री प्रबंधन से पूछा है कि घटना वाले दिन कितने मजदूर काम पर गए थे?

3. अब तक कितने मजदूर लापता हैं, क्योंकि प्रशासन के नौ लोगों के दावे को ग्रामीण नकार रहे हैं।

4. क्षमता से अधिक रखी विस्फोटक सामग्री को क्यों निकाला जा रहा है? जांच में विस्फोटक सामग्री की मात्रा क्या दर्ज की जाएगी?

5. प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को जो मुआवज़ा देने की घोषणा की है उसे लेने से ग्रामीणों ने इंकार कर दिया है। क्या प्रशासन मुआवजा बढ़ाएगा?

बेमेतरा हादसे की गंभीरता से जांच करें सरकार: कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि धमाके से लोगों के शरीर के चिथड़े उड़ गए, लेकिन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अभी तक घटनास्थल पर नहीं पहुंच पाए हैं। छत्तीसगढ़ के इतिहास में यह गंभीर घटना है। सरकार को गंभीरता से इसकी जांच करनी चाहिए, लेकिन अब तक यह गंभीरता दिखाई नहीं दे रही है।

प्रदेशभर के उद्योगों की होगी जांच

इधर उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने विस्फोटकों व बारूदों का प्रयोग करने वाले प्रदेशभर के उद्योगों की जांच करने के निर्देश उद्योग विभाग को दिए हैं। उद्योग मंत्री ने मुख्यमंत्री से बेमेतरा के औद्योगिक हादसे पर चर्चा की। मंत्री ने बताया कि उद्योग व्यवस्था में सुरक्षा के साथ कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी। शासन द्वारा अधिकारियों को पूरा अधिकार दिया गया है ताकि वे सुरक्षा मानकों का नियमित जांच कर सके।