छत्तीसगढ़ : सीएम साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित हुई। बैठक में निम्नानुसार महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था के लिए मंत्रिपरिषद की बैठक में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को छत्तीसगढ़ राज्य में पूर्ण रूप से लागू करने का निर्णय लिया गया। नई शिक्षा नीति के तहत कक्षा 5वीं तक बच्चों को स्थानीय भाषा-बोली में शिक्षा दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही प्री-प्राइमरी से 12 वीं तक सबको शिक्षा उपलब्ध कराने की अनुशंसा की गई है। इस नवीन शिक्षा नीति के तहत समतामूलक और समावेशी शिक्षा प्रदान करने के साथ ही प्रचलित शैक्षणिक संरचना 10+2 के स्थान पर 5+3+3+4 लागू किया गया है।
मंत्रिपरिषद की बैठक में निर्णय लिया गया कि छत्तीसगढ़ सशस्त्र सहायक प्लाटून कमाण्डर (नर्सिंग), प्रधान आरक्षक (नर्सिंग), मेल नर्स, फिमेल नर्स, लैब टेक्निशियन, फार्मासिस्ट, नर्सिंग असिस्टेंड, कम्पाउण्डर, ड्रेसर, आरक्षक (बैण्ड), आरक्षक (श्वान दल) भर्ती प्रक्रिया वर्ष-2023 के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय निवासियों को निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में 05 वर्ष की छूट प्रदान की जाएगी। यह छूट अनारक्षित वर्ग को निर्धारित अधिकतम आयु सीमा के अतिरिक्त एक बार के लिए 05 वर्ष की छूट एवं आरक्षित वर्ग को पहले से 05 वर्ष की आयु शिथिलीकरण के अतिरिक्त, एक बार के लिए, निर्धारित आयु सीमा में 05 वर्ष की और छूट प्रदान की जाएगी।
प्रदेश में राज्य सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों के सफल क्रियान्वयन, सुशासन एवं जनसमस्याओं के समाधान के लिए एक पृथक विभाग ‘‘सुशासन एवं अभिसरण विभाग‘‘ का गठन किया गया है। जिसमें ई-समीक्षा, ई-लोकसेवा गारंटी एवं डिजिटल सेक्रेटरियेट को शामिल किए जाने के संबंध में मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ शासन कार्य (आवंटन) नियम में संशोधन के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। पूर्व में ये शाखाएं सामान्य प्रशासन विभाग में थी। नवा रायपुर में आवासहीन, आर्थिक रूप से कमजोर और निम्न वर्ग के परिवारों को आवास मुहैया के लिए पंजीयन की तिथि में तीन वर्ष की वृद्धि कर दी गई है।
राज्य सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत नवा रायपुर में आवासों का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें हितग्राहियों को न्यूनतम मूल्य में आवास प्रदान करने के लिए पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों को यथावत् रखते हुए आवासों के पंजीयन की तिथि को 31 मार्च 2024 से बढ़ाकर 31 मार्च 2027 तक कर दिया गया है। इस निर्णय से अभी तक रिक्त मकानों के पंजीयन की संभावनाओं में वृद्धि होगी। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर छत्तीसगढ़ राज्य राजधानी क्षेत्र (State Capital Region) तथा संबंधित प्राधिकरण की स्थापना के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने की प्रक्रिया के लिए नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण को अधिकृत किया गया है और इसके लिए आवास एवं पर्यावरण विभाग को प्रशासकीय विभाग बनाया गया है।
इसके लिए राज्य सरकार द्वारा चालू वित्तीय वर्ष की बजट में 5 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। छत्तीसगढ़ शासन भण्डार क्रय नियम 2002 के (यथा संशोधित 2022) में संशोधन प्रारूप का अनुमोदन किया गया। राज्य शासन के समस्त विभाग आदि आवश्यकतानुसार सामग्री, वस्तुओं एवं सेवाओं जिनकी दरें एवं विशिष्टियां भारत सरकार के डीजीएसएण्डडी की जेम वेबसाइट में उपलब्ध हो का क्रय जेम वेबसाईट से उनकी नियमावली निर्धारित प्रक्रिया पालन करते हुए क्रय करेंगे। अतिरिक्त आवश्यकता होने पर सामग्री, वस्तु एवं सेवाओं के क्रय के लिए वित्त विभाग की सहमति आवश्यक होगी। वर्तमान में प्रचलित सीएसआईडीसी के सभी रेट कान्ट्रेक्ट इस माह के अंत में निरस्त करने का भी निर्णय लिया गया। यह कदम भ्रष्टाचार निवारण की दृष्टि से लिया गया है।
मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य संवर्ग के भारतीय वन सेवा में वर्ष 1992 से 1994 तक के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक के पद पर पदस्थ 06 अधिकारियों को गैर-कार्यात्मक आधार पर यथास्थान प्रधान मुख्य वन संरक्षक स्तर के समतुल्य वेतनमान 01 जनवरी 2024 से प्रदान करने हेतु भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, से सहमति प्राप्त करने का निर्णय लिया गया। अधीक्षण अभियंता (सिविल) से मुख्य अभियंता (सिविल) के पद पर पदोन्नति के लिए निर्धारित न्यूनतम अवधि 05 वर्ष में केवल एक बार के लिए 01 वर्ष की छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
छत्तीसगढ़ प्रदेश के जरूरतमंद सर्वेक्षित 47 हजार 90 आवासहीन परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत आवास स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के तहत 01 अप्रैल से 30 अप्रैल 2023 तक प्रदेश में कुल 59.79 लाख परिवारों का सर्वेक्षण पूर्ण किया गया, जिसमें 47 हजार 90 परिवार ऐसे पाए गए जो आवासहीन है, किन्तु उनका नाम सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना की स्थायी प्रतीक्षा सूची में नहीं है। ऐसे आवासहीन परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण से आवास स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया।