छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में बैंक खातों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अधिसूचित बैंक अधिकारियों एवं बिल्डर्स के संगठन (क्रेडाई) के सदस्यों के साथ आज स्थानीय न्यू सर्किट हाऊस में संयुक्त बैठक किया गया। बैठक में रेरा के अध्यक्ष श्री संजय शुक्ला, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के कार्यपालक निदेशक श्री महेन्द्र डोहरे, पंजाब नेशनल बैंक के जोनल मैनेजर और 28 राष्ट्रीयकृत और निजी बैंकों के अधिकारी, साथ ही क्रेडाई (रायपुर और बिलासपुर) के सदस्य शामिल हुए।
रेरा के अध्यक्ष श्री संजय शुक्ला ने कहा कि बैठक का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि रियल एस्टेट परियोजनाओं के लिए बैंकों द्वारा खाता संचालन रेरा के नियमों के अनुसार हो। रेरा ने कई अवसरों पर पाया है कि कुछ बैंकों द्वारा खातों के संचालन में अनियमितताएं हो रही हैं, जिससे निवेशकों और बैंकों के हितों की सुरक्षा प्रभावित हो रही है। इसके लिए बैंकों को नियमों का कड़ाई से पालन करने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि रेरा प्रावधानों के अनुसार, किसी भी प्रोजेक्ट के लिए तीन प्रकार के खाते आवश्यक हैं। कलेक्शन अकाउंट में जमा राशि का 70 प्रतिशत रेरा डेजिग्नेटेड खाते और 30 प्रतिशत राशि बिल्डर्स के प्रोजेक्ट से संबंधित खाते में अंतरित किया जाता है। उन्होंने कहा कि रेरा खाते में जमा 70 प्रतिशत राशि समय-समय पर बिल्डर द्वारा कार्य की प्रगति के आधार पर बिल्डर के खाते में अंतरित किया जाता है, जिससे बिल्डर आबंटितों से प्राप्त राशि का दुरुपयोग नहीं कर सकता है।
बैठक में बैंकों ने रेरा के साथ मिलकर प्रक्रिया को और प्रभावी बनाने तथा सॉफ्टवेयर में आवश्यक सुधार करने की सहमति दी। रेरा ने भविष्य में खातों की पारदर्शिता और अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का संकल्प लिया। इस संबंध में विस्तृत जानकारी रेरा की वेबसाइट
rera.cgstate.gov.in
पर प्राप्त कर किया जा सकता है।