प्रदेशभर के 65 लाख बिजली उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का झटका देने की तैयारी है। राज्य पावर कंपनी ने बिजली नियामक आयोग में नए सत्र के लिए लगाई गई याचिका में 45 सौ करोड़ का घाटा बताया है। उसे पूरा करने के लिए नया टैरिफ लागू करने की सिफारिश की है।
पावर कंपनी का पूरा लेखा-जोखा देखने और जनसुनवाई के बाद ही यह तय किया जाएगा कि वास्तव में घाटे से उबारने के लिए बिजली की दरें बढ़ाई जाए या नहीं। बिजली कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक, फिलहाल जनसुनवाई की तारीख तय नहीं की गई है। मगर, मार्च के अंत तक तय होने की पूरी संभावना है।
उसके बाद ही नया टैरिफ तय होगा। कंपनी हर साल दिसंबर में नियामक आयोग को नए टैरिफ के लिए प्रस्ताव भेजती है। इसमें आमतौर पर पावर कंपनी अपनी तरफ से बिजली का टैरिफ कितना बढ़ाना है, इसका कभी भी प्रस्ताव नहीं भेजती है।
केवल अपना लेखा-जोखा ही भेजती है। इसको देखने के बाद नियामक आयोग तय करता है कि वास्तव में कंपनी को कितने पैसों को जरूरत है और वास्तव में उसका खर्च कितना होगा। इसके बाद जो कमी रहती है, उसके हिसाब से टैरिफ में इजाफा होता है।
2024-25 में हुई थी 20 से 25 पैसे की वृद्धि
पावर कंपनी ने पिछले साल जून में 2024-25 सत्र का टैरिफ तय किया था। पावर कंपनी ने बीते साल भी नए सत्र में फायदा और पुराना अंतर बताया था। इसे आयोग ने तय किया। इसी के साथ प्रदेश सरकार ने एक हजार करोड़ अपनी तरफ से दिए थे, ऐसे में उपभोक्ताओं को कम झटका लगा।