धोखाधड़ी, हेराफेरी, नियमों को ताख पर रखकर किया काम…कुर्सी जाते ही मुश्किल में फंसी माधबी पुरी बुच, अब दर्ज होगी FIR
कुर्सी जाते ही बाजार नियामक सेबी की पूर्व चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच की मुश्किलें बढ़ने लगी है. मुंबई की एक स्पेशल एंटी-करप्शन कोर्ट ने SEBI की पूर्व चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है. माधवी पुरी पर गंभीर आरोप लगे हैं
कुर्सी जाते ही बाजार नियामक सेबी की पूर्व चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच की मुश्किलें बढ़ने लगी है. मुंबई की एक स्पेशल एंटी-करप्शन कोर्ट ने SEBI की पूर्व चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है. माधवी पुरी पर गंभीर आरोप लगे हैं. उनके खिलाफ शेयर मार्केट फ्रॉड और नियामक के नियमों के उल्लंघन मामले में कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है.
याचिकाकर्ता के आदेश पर स्पेशल जज एसई बांगर ये आदेश जारी किया है. माधवी पुरी के अलावा कोर्ट ने पांच और लोगों के खिलाफ केस कर्ज करने के आदेश दिए हैं, जिसमें सेबी के होल टाइम मेंबर अश्वनी भाटिया, सेबी के होल टाइम मेंबर अनंत नारायण, सेबी के होल टाइम मेंबर कमलेश चंद्र वार्ष्णेय, BSE के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल, BSE के सीईओ सुंदररमन राममूर्ति का नाम शामिल है
याचिकाकर्ता की ओर से माधवी पुरी बुच पर स्टॉक एक्सचेंज पर कंपनी की लिस्टिंग में बड़े पैमाने पर फाइनेंशियल फ्रॉड और भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. उनपर पद का रहते हुए सेबी और कॉर्पोरेट संस्थाओं के बीच मिलीभगत, इनसाइडर ट्रेडिंग और लिस्टिंग के बाद पब्लिक फंड की हेराफेरी के आरोप भी लगाए गए हैं. उनपर आरोप लगे हैं कि वो अपने वैधानिक कर्तव्य को निभाने में विफल रही हैं. माधवी पुरी पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने बाजार में हेराफेरी करने दी, जिससे निवेशकों को नुकसान हुआ. नियमों को पूरा नहीं करने वाली कंपनी को भी लिस्टिंग की अनुमति दी गई