Home छत्तीसगढ़ बीजापुर में सुरक्षाबलों ने नाकाम किया नक्सलियों द्वारा प्लांटेड सीरियल IED ब्लास्ट

बीजापुर में सुरक्षाबलों ने नाकाम किया नक्सलियों द्वारा प्लांटेड सीरियल IED ब्लास्ट

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नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में रविवार को सुरक्षाबलों ने नक्सलियों द्वारा प्लांट किए एक सीरियल आईईडी ब्लास्ट को नाकाम कर दिया. नक्सलियो ने सीरियल आईईडी के जरिए सुरक्षा बलों को बड़ा नुकसान पहुंचाना चाहते थे, लेकिन सुरक्षाबलों के सूझबूझ से एक बड़े नुकसान टल गया. इलाके में आईईडी बम सूचना के बाद मौके पर बीडीएस टीम को रवाना कर दिया गया है.

नक्सलियों ने जिले के पेद्दाकोरमा और मुनगा मार्ग पर बड़ा विस्फोट करने के लिए सीरियल IED विस्फोटक बिछाया था. सूचना के बाद सूझबूझ का परिचय देते हुए सुरक्षाबलों ने बम को निष्क्रिय करने के लिए सूचना बीडीएस टीम को भेज दिया है और लोगों की आवाजाही रोक दी गई है.

बम प्लांट करने की सूचना पर मौके पर भेजी गई BDS की टीम
बीजापुर एसपी ने बताया कि पेद्दाकोरमा और मुनगा मार्ग पर सीरियल आईईडी बम प्लांट होने की सूचना के बाद बम को निश्क्रिय करने के लिए बीडीएस टीम को सूचना भेज दी गई है. उन्होंने बताया कि मौके पर सतर्कता बरतने के निर्देश गए हैं और बम बरामद कर निष्क्रिय करने तक इलाके में आवाजाही रोक दी गई है.

लोगों से पेद्दाकोरमा और मुनगा मार्ग पर नहीं जाने की गई अपील
बीजापुर एसपी ने बताया कि प्लांटेड सीरियल आईईडी बम को निष्क्रिय किए जाने तक बीजापुर पुलिस द्वारा ग्रामीण और कर्मचारियों समेत अन्य लोगों से पेद्दाकोरमा और मुनगा मार्ग पर नहीं जाने की अपील की गई है. नक्सलियों द्वारा बिछाए गए सीरियल आईईडी बम को निष्क्रिय किए जाने के बाद दोबारा मार्ग को चालू किया जाएगा.

पेद्दाकोरमा और मुनगा मार्ग पर सीरियल IED बम प्लांट होने की सूचना के बाद बम को निश्क्रिय करने के लिए बीडीएस टीम को सूचना भेज दी गई है. उन्होंने बताया कि मौके पर सतर्कता बरतने के निर्देश गए हैं और बम बरामद कर निष्क्रिय करने तक इलाके में आवाजाही रोक दी गई है.
17 जून को पेद्दाकोरमा में 3 ग्रामीणों की गला घोंटकर की थी हत्या
गौरतलब है अभी हाल में इसी इलाके में नक्सलियों ने दो छात्र समेत तीन लोगों की हत्या कर दी थी. नक्सलियों ने गत 17 जून को पेद्दाकोरमा में तीन ग्रामीणों की रस्सी से गला घोंट कर निर्ममता से हत्या कर दी. मारे गए तीन ग्रामीणों में दो छात्र थे. इनमें एक छात्र की उम्र महज 13 साल थी. पूरे गांव में कोई भी इस विषय पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं था.