मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में कालाबाजारी भ्रष्टाचार और घोटालेबाजी का सिलसिला नहीं थम रहा है. अभी हाल ही में सामने आए भैंस घोटाले के बाद पीडीएस घोटाला भी सामने आया है. इस पीडीएस घोटाले में शिवपुरी के कंट्रोल से अनाज गायब होने के आरोप ग्रामीणों ने लगाते हुए कंट्रोल (राशन की दुकान) के बाहर जमकर हंगामा बाजी की. मौके पर प्रशासन को पहुंच कर ग्रामीणों को समझाइश देना पड़ी और भरोसा दिया कि उन्हें 3 महीने का राशन जल्द ही वितरित कर दिया जाएगा.
बताना जरूरी है कि हाल ही में पुलिस ने दतिया जिले से पीडीएस का राशन भरकर एक ट्रक को शिवपुरी की करेरा पुलिस ने जब्त कर कानूनी कार्रवाई की थी. यह लाखो रुपये की कीमत का पीडीएस चावल शिवपुरी जिले से होकर गुजरात की किसी फैक्ट्री में जा रहा था बताया गया.
दतिया में किसी कारोबारी के यहां से इसे लोड किया गया था
दोनों घटनाओं से आप साफ तौर पर समझ सकते हैं कि किस तरह से इन पीडीएस अनाज के घोटालेबाजों ने अपना रॉकेट बनाया हुआ है, और यह है मजबूर गरीब ग्रामीणों के हक के राशन को डकारने में लगे हुए हैं. फिलहाल प्रशासन इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. लेकिन मौके पर पहुंचकर प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्रामीणों से कहा कि वह जल्द ही उन्हें 3 महीने का राशन वितरण करवा देंगे.
अब सवाल यह उठता है क्या प्रशासनिक तौर पर राशन की दुकान से गायब हुए पीडीएस के राशन को गायब करने वालों में उसकी कोई दिलचस्पी नहीं या फिर यह सब प्रशासनिक मिलीभगत से हो रहा है.