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एक्स ने तकनीकी बातों का फायदा उठाया…’: केंद्र ने एक्स के “सेंसरशिप” के आरोप का खंडन किया

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सेंसरशिप के मामले में एलन मस्‍क की कंपनी एक्‍स और भारत सरकार आमने-सामने हैं. केंद्र सरकार ने मंगलवार को माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स के इस दावे का खंडन किया कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 3 जुलाई को न्‍यूज एजेंसी रॉयटर्स और रॉयटर्स वर्ल्ड समेत 2,355 अकाउंट्स को ब्‍लॉक करने का कोई ऑर्डर जारी किया था.

एक्‍स ने नहीं मानी प्रक्रिया
मंत्रालय के प्रवक्ता ने न्‍यूज एजेंसी ANI को बताया कि सरकार ने एक्स को भारत में समाचार एजेंसी के हैंडल को ब्लॉक किए जाने के तुरंत बाद अनब्लॉक करने के लिए कहा था. प्रवक्‍ता ने कहा, ‘हालांकि, एलन मस्क के हक वाली सोशल मीडिया की कंपनी ने गैर-जरूरी तरीके से प्रक्रिया से जुड़ी तकनीकी बातों का फायदा उठाया और URL को अनब्लॉक नहीं किया.’

कोई ऑर्डर जारी नहीं हुआ
प्रवक्ता ने कहा, ‘सरकार ने 3 जुलाई, 2025 को कोई नया ब्लॉकिंग ऑर्डर जारी नहीं किया है और रॉयटर्स और रॉयटर्स वर्ल्ड सहित किसी भी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समाचार चैनल को ब्लॉक करने का कोई इरादा नहीं है. जिस पल रॉयटर्स और रॉयटर्स वर्ल्ड को भारत में एक्स प्लेटफॉर्म पर ब्लॉक किया गया, तुरंत सरकार ने ‘एक्स’ को उन्हें अनब्लॉक करने के लिए लिखा.’ प्रवक्ता के अनुसार सरकार ने 5 जुलाई 2025 की देर रात से लगातार ‘एक्स’ से संपर्क किया.

हर घंटे इस ऑर्डर को लेकर फॉलोअप किया गया और एक्स ने आखिरकार 6 जुलाई 2025 को रात 9 बजे के बाद रॉयटर्स और बाकी यूआरएल को अनब्लॉक कर दिया. रॉयटर्स को अनब्लॉक करने में उन्हें 21 घंटे से अधिक का समय लगा.’

क्‍या कहा था एक्‍स ने
इससे पहले आज, एक्स ने भारत में रॉयटर्स के अकाउंट ब्लॉक किए जाने के बाद ‘प्रेस सेंसरशिप’ कहे जाने पर सरकार की आलोचना की थी. इससे पहले भी, सरकार ने भारत में न्‍यूज एजेंसी के सोशल मीडिया अकाउंट के ऑफ़लाइन होने में किसी भी भूमिका से इनकार किया था. एक्स ने कहा कि सरकार ने 3 जुलाई को उसे रॉयटर्स सहित 2,355 अकाउंट को ‘बिना किसी कारण बताए एक घंटे के अंदर’ ब्लॉक करने का आदेश दिया था. एक्स का कहना था कि उसके पास ऑर्डर को मानने के अलावा कोई और ऑप्‍शन नहीं बचा था. अगर वे ऐसा नहीं करते तो उन्हें सजा दी जा सकती थी. कंपनी ने उन लोगों से कहा जिनके अकाउंट भारत में ब्लॉक किए गए हैं कि वो कोर्ट्स में इसका हल तलाशे.