“अमेरिका के टैरिफ वॉर के बीच विदेश मंत्री जयशंकर का बड़ा बयान”
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने यह साफ किया कि दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है और इसे खत्म मानना सही नहीं होगा।
हालांकि, भारत ने कुछ स्पष्ट सीमाएं तय की हैं जिन पर समझौता नहीं किया जा सकता, खासकर किसानों और छोटे व्यापारियों के हितों से जुड़े मुद्दों पर।
बातचीत चल रही है, ‘कुट्टी’ नहीं: जयशंकर इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम 2025 में अपने भाषण में जयशंकर ने कहा, “बातचीत अभी खत्म नहीं हुई है, लोग अब भी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। ऐसा नहीं है कि दोनों देशों के बीच कोई ‘कुट्टी’ हो गई हो।” उन्होंने यह भी बताया कि व्यापार वार्ता में कुछ मतभेद जरूर हैं, लेकिन संवाद के लिए दरवाजे हमेशा खुले हैं।
किसानों और छोटे उत्पादकों की रक्षा पर अडिग है भारत भारत किसानों और छोटे उत्पादकों की सुरक्षा के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। जयशंकर ने बताया कि भारत ने व्यापार वार्ता में कुछ “रेड लाइंस” यानी सीमाएं निर्धारित की हैं, जो खासतौर पर किसानों और छोटे उत्पादकों की रक्षा से संबंधित हैं। “हम इस पर अडिग हैं और इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत की प्राथमिकता अपने लोगों के हितों की रक्षा करना है, और व्यापारिक दबाव के बावजूद सरकार इस सिद्धांत से पीछे नहीं हटेगी।
राष्ट्रपति ट्रंप का तरीका ‘असामान्य’ बताया जयशंकर ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के काम करने के तरीके पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, “ट्रंप का टैरिफ लगाना और गैर-व्यापारिक मुद्दों पर व्यापारिक दबाव डालना एकदम असामान्य तरीका है। कई बार फैसले पहले से ही सार्वजनिक कर दिए जाते हैं, जो कि वैश्विक कूटनीति में आम बात नहीं है।”
भारत पर टैरिफ का दबाव, लेकिन भारत रहेगा अडिग हाल ही में राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। अमेरिका पहले से ही भारत से 25% टैरिफ वसूल रहा है, और बाकी 25% टैरिफ 27 अगस्त से लागू होने वाला है। ट्रंप प्रशासन भारत पर रूस से तेल आयात बंद करने का भी दबाव बना रहा है। लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने रणनीतिक और आर्थिक हितों को ध्यान में रखते हुए फैसले करेगा, और उसकी विदेश नीति किसी भी दबाव में नहीं बनेगी।