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25 जिले, 110 विधानसभा क्षेत्र और 1300 किमी की यात्रा…अब पटना की सड़कों पर वोटर क्रांति, सियासी ताकत और एकता

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इंडिया गठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा का समापन पटना में एक विशाल पैदल मार्च के साथ हो रहा है. 1,300 किमी की इस यात्रा ने 25 जिलों और 110 विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया. बीते 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई यह यात्रा विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत मतदाता सूची से नाम हटाने के कथित प्रयासों के खिलाफ थी. राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने इसे जनता की आवाज बनाने की भरपूर कोशिश की है. आज के इस मार्च में इंडिया गठबंधन के दिग्गज नेता शामिल हैं. आरजेडी के तेजस्वी यादव, कांग्रेस के राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, एनसीपी की सुप्रिया सुले, टीएमसी के युसूफ पठान, शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत, सीपीआई (एमएल) के दीपंकर भट्टाचार्य और विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश साहनी एक मंच पर नजर आएंगे. तेजस्वी यादव ने इसे लोकतंत्र और मतदाता अधिकारों की रक्षा की लड़ाई बताया है, जबकि राहुल गांधी ने इसे बिहार की जनता की ताकत का प्रतीक कहा है.
कांग्रेस-आरजेडी की तैयारी
कांग्रेस और आरजेडी ने इस समापन के लिए व्यापक तैयारी की है. पटना के गांधी मैदान में विशाल सभा की व्यवस्था की गई है जहां हजारों समर्थक जुटेंगे. आरजेडी ने अपने सांसदों, विधायकों और कार्यकर्ताओं को पूरे बिहार से बुलाया है, जबकि कांग्रेस ने भी बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया हुआ है. यात्रा ने वोट चोरी का मुद्दा बड़े ही आक्रामक तरीके से उठाया है. दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और गरीबों को ध्यान में रखकर शुरू की गई इस यात्रा को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अहम बताया जा रहा है.
एसआईआर पर सवाल
बता दें कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत बिहार में 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाने की प्रक्रिया पर इंडिया गठबंधन ने सवाल उठाए हैं. तेजस्वी यादव ने इसे ‘वोट चोरी’ करार दिया, जबकि राहुल गांधी ने कहा कि यह गरीबों और हाशिए पर रहने वालों के अधिकारों पर हमला है. हालांकि, निर्वाचन आयोग ने इन आरोपों को खारिज किया है. लेकिन, जानकारों की नजर में इस यात्रा ने चुनाव आयोग पर गड़बड़ियां करने के आरोप के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में ला दिया है.

इस यात्रा का एक और बड़ा उद्देश्य महागठबंधन के दलों की एकजुटता को दर्शना है. इसको प्रदर्शित करने के लिए कांग्रेस की प्रियंका गांधी, तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी, तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन जैसे नेताओं ने इस यात्रा में शिरकत की. जाहिर है यह यात्रा बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन की एकता और ताकत का प्रदर्शन है. तेजस्वी यादव को गठबंधन का मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाने को लेकर कांग्रेस ने अभी खुले तौर पर हामी नहीं भरी है, लेकिन माना जा रहा है और इस मार्च से उनकी स्थिति और मजबूत होगी. सुप्रिया सुले और संजय राउत जैसे नेताओं की मौजूदगी गठबंधन की एकता के लिए अहम कही जा रही है. माना जा रहा है कि यह मार्च बिहार की जनता को एनडीए सरकार के खिलाफ एकजुट होने का संदेश देगा.

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