जम्मू-कश्मीर की राजनीति एक बार फिर अशोक चिह्न विवाद से गरमा गई है. दिल्ली स्थित सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. उनका आरोप है कि दोनों नेताओं ने अशोक चिह्न तोड़ने को सही ठहराने वाले बयान दिए. दरअसल श्रीनगर में हजरतबल दरगाह में अशोक चिह्न को लेकर कट्टरपंथियों ने खूब बवाल काटा. कट्टरपंथियों की भीड़ ने दरगाह की उद्घाटन पट्टिका में लगे अशोक चिह्न को पत्थर मार मार कर तोड़ डाला. इसके बाद कश्मीर में इस मामले पर सियासी तूफान खड़ा हो गया है.
जिंदल ने यह शिकायत जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और डीजीपी को सौंपी है. उन्होंने मांग की है कि दोनों नेताओं पर स्टेट एम्ब्लेम एक्ट 2005 और बीएनएस 2023 की कई धाराओं (111, 152, 153, 297, 324 और 351) के तहत मामला दर्ज किया जाए. इस शिकायत के सामने आते ही राज्य की राजनीति में नया बवाल खड़ा हो गया है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस का पलटवार
इस बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने भी मोर्चा खोल दिया. पार्टी प्रवक्ता तनवीर सादिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि औकाफ चेयरपर्सन दरख्शां अंद्राबी को तुरंत पद से हटाया जाना चाहिए. उन्होंने औकाफ द्वारा दिए गए टेंडर और कॉन्ट्रैक्ट की जांच की भी मांग की. NC विधायक सलाम सागर ने इसे एक सोची-समझी साजिश करार देते हुए आरोप लगाया कि यह सब आगामी चुनावों से पहले राजनीतिक माहौल बिगाड़ने के लिए किया जा रहा है.
शहीद सिखों की संस्था की मांग
चट्टीसिंहपोरा के 35 शहीद सिखों की वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन का एक प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर के एलजी से मिला. उन्होंने 2000 में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों द्वारा अनंतनाग में हुए नरसंहार की दोबारा जांच की मांग की. साथ ही उन्होंने अपील की कि जिस मामले में अशोक चिह्न का अपमान हुआ है, उस पर दर्ज FIR में तुरंत कार्रवाई हो.
विपक्ष के निशाने पर सरकार
NC नेताओं ने कहा कि कश्मीर के धार्मिक स्थलों पर नियंत्रण को लेकर बीजेपी की भूमिका संदिग्ध है. उन्होंने सवाल उठाया कि जब राज्य में निर्वाचित सरकार है तो औकाफ चेयरपर्सन का फैसला बीजेपी क्यों करती है? पार्टी नेताओं का कहना है कि यहां धार्मिक मुद्दों को राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
सरकार पर ‘साजिश’ का आरोप
NC ने आरोप लगाया कि चुनावी माहौल को देखते हुए जानबूझकर गड़बड़ी फैलाई जा रही है. पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा, “हमें शक है कि यह सब एक सोची-समझी शरारत है. देशभर में चुनाव हो रहे हैं और इसका फायदा उठाने की कोशिश की जा रही है.”
शिकायत और सियासी बवाल
वकील विनीत जिंदल की शिकायत ने जहां उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को कानूनी संकट में डाल दिया है. वहीं NC की मांगों ने औकाफ चेयरपर्सन की कुर्सी को भी विवादों में ला खड़ा किया है.
अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि उपराज्यपाल और पुलिस प्रशासन इस पूरे मामले में क्या कदम उठाते हैं.