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छत्तीसगढ़ कांग्रेस में गुटबाजी तेज, नेताओं पर खुलकर विरोध…

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रायपुर में विधानसभा, लोकसभा और नगरीय निकाय चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर सामने आ रही है।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में गुटबाजी तेज, नेताओं पर खुलकर विरोध…

वहीं, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत के बयान के बाद कांग्रेस में अंदरुनी खींचतान बढ़ गई है। ऐसे में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट भी 9 सितबर को छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। माना जा रहा है कि उनका यह प्रवास काफी परेशानियों भरा हो सकता है। कांग्रेस में अलग-अलग गुटों में बंटे नेता शिकायतों की झड़ी लगाने वाले हैं। इसके लिए अंदरखाने में तैयारी भी तेज हो गई है।

प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में पूर्व मंत्री चौबे के खिलाफ अनुशासनहीनता का प्रस्ताव पारित करने से गुटबाजी चरम पर आ गई थी। इस दौरान चौबे के समर्थन में एक-दो जिलाध्यक्षों ने समझने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने चमचों को समझने की नसीहत भी दे दी थी।

इससे दूसरे गुट के नेता नाराज हो गए। अभी तक किसी ने खुलकर बड़ा बयान नहीं दिया है, लेकिन माना जा रहा है कि प्रदेश प्रभारी पायलट के प्रवास के दौरान खुलकर अपनी बात रखेंगे। दूसरे गुट के कार्यकर्ता महंत के खिलाफ शिकायतों का पुलिंदा तैयार कर लिया है।

रवीन्द्र चौबे के खिलाफ प्रस्ताव के बाद कांग्रेस में हलचल
रायपुर कांग्रेस ने मंत्री केदार कश्यप पर चतुर्थ वर्ग कर्मचारी से मारपीट करने का आरोप लगाया है। इसके बाद कांग्रेस ने मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। रविवार को प्रदेश के सभी जिला मुयालयों में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन और सांकेतिक तौर पर पुतला दहन किया। कांग्रेस ने मंत्री को हटाने की मांग की है। इसे लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ता सोमवार को राजधानी में मंत्री के बंगले का घेराव करेंगे। हालांकि इस मामले में मंत्री कश्यप ने इस प्रकार की घटना होने से इनकार किया।
कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने राजधानी में नगर निगम मुख्यालय के सामने पुतला दहन कर विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेसजनों और पुलिस के बीच हल्की झूमाझटकी भी हुई। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उनके तत्काल इस्तीफे की मांग की।
पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का असली चेहरा अब जनता के सामने आ गया है। कर्मचारी वर्ग के साथ इस तरह का व्यवहार घोर निंदनीय है। कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि मंत्री तुरंत इस्तीफा दें, अन्यथा प्रदेशभर में आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इस दौरान शहर कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश दुबे, उधोराम वर्मा प्रमोद चौबे, शिव सिंह ठाकुर, बंशी कन्नौजे सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।
पहले भी चले हैं जुबानी तीर
हाल ही में हुए विवाद से पहले भी भी कांग्रेस के भीतर जुबानी तीर चल चुके हैं। नेता प्रतिपक्ष ने टीएस सिंहदेव के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कहीं थी। हालांकि इस मामले में उन्होंने अपनी सफाई भी दी थी। उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन पूर्व मंत्री चौबे के मामले में संगठन को सत होना पड़ा। संगठन का मानना है कि यदि अनुशासन का डंडा नहीं चलाया गया तो आगे परेशानी ओर बढ़ सकती है। बता दें कि इससे पहले रायपुर के पूर्व विधायक ने भी संगठन की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे।