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“Jammu and Kahsmir: डोडा जिले में अचानक क्यों लगाया गया कर्फ्यू? इंटरनेट सेवा भी कर दी गई बैन, जानिए क्या है वजह”

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“Jammu and Kahsmir: डोडा जिले में अचानक क्यों लगाया गया कर्फ्यू? इंटरनेट सेवा भी कर दी गई बैन, जानिए क्या है वजह”

जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले से एक बड़ी खबर आ रहा है वहां एक प्रदर्शन के दौरान अचानक से हालात बेकाबू हो गए. दरअसल प्रदर्शन के दौरान पूर्व ब्लॉक विकास परिषद (BDC) सदस्य कहरा फातिमा फारुक गंभीर रूप से घायल हो गईं.

इस घटना के बाद प्रशासन तुरंत हरकत में आया और एहतियादी कदम उठाते हुए और पूरे क्षेत्र में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 लागू कर दी गई और कर्फ्यू लगा दिया गया है. अब इस इलाके में लोगों का इकट्ठा होना प्रतिबंधित है.

BNS की धारा 163 सार्वजनिक स्थानों पर अस्थायी बाधाओं को हटाने और इलाके में शांति व्यवस्था बनाए रखने का अधिकार देती है. जिससे सार्वजनिक सुरक्षा और व्यवस्था को खतरा पहुंचाने वाली गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके. माहौल बिगड़े न इसके लिए प्रशासन ने सबसे पहले इस पूरे इलाके में इंटरनेट बैन कर दिया है. किसी भी तरह की भ्रामक सूचना या फिर अफवाह न फैले इसके लिए प्रशासन ने ये कदम उठाया. फिलहाल पूरे इलाके में सुरक्षाबलों की तैनाती कर दी गई है और हालात पर कड़ी नजर रखी जा रही है.

प्रदर्शन के दौरान घायल हुईं BDC, लगाया गया कर्फ्यू इसी बीच प्रदर्शन के दौरान घायल हुईं पूर्व बीडीसी सदस्य कहरा फातिमा फारूक को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया. वहां उनका इलाज जारी है. फिलहाल वो खतरे से बाहर हैं. स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन तुरंत हरकत में आया और इलाके में धारा 163 लागू करते हुए पूरे इलाके में इंटरनेट बंद कर दिया है ताकि उपद्रवी लोग इकट्ठा न हो सके और सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की भ्रामक खबर या फिर किसी अफवाह का अभियान न चला सकें.

आप विधायक के हिरासत में लिए जाने के बाद हुए प्रदर्शन इसके पहले जम्मू-कश्मीर के चिनाब घाटी के डोडा क्षेत्र में मंगलवार को आप विधायक मेहराज मलिक की कठोर जन सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत हिरासत के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए. पुलिस ने कुछ स्थानों पर मलिक के समर्थन में नारे लगाने और प्रशासन पर PSA के दुरुपयोग का आरोप लगाने वाले प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया गया था. डोडा जिला मुख्यालय के अलावा भालेसा, कहारा और गंदोह तहसीलों में भी प्रदर्शन हुए. मलिक को सोमवार को सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने के आरोप में हिरासत में लिया गया और उन्हें कठुआ जेल में रखा गया. यह हिरासत डोडा के उपायुक्त हरविंदर सिंह के खिलाफ उनके ऑनलाइन पोस्ट को लेकर विवाद के बीच हुई, जिसमें उन्होंने सिंह पर अपने अधिकार का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था.

सीएम उमर अब्दुल्ला ने उपराज्यपाल पर साधा निशाना जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, जिन्होंने मलिक की निवारक हिरासत कानून के तहत गिरफ्तारी को लोकतंत्र पर हमला बताकर उपराज्यपाल प्रशासन की आलोचना की थी, ने एक बार फिर सवाल उठाया कि विधायक के खिलाफ इतने कठोर कानून का उपयोग क्यों किया गया? जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा और कानून-व्यवस्था उपराज्यपाल के अधीन है. उमर ने राज्य वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष दारख्शन अंद्राबी की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘उन्होंने (मलिक) ने आखिर क्या किया? कोई कानून-व्यवस्था की समस्या नहीं थी, कहीं पत्थरबाजी नहीं हुई। इसके विपरीत, जिन्होंने माहौल खराब किया, जिन्होंने हजरतबल दरगाह पर हमारी धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया, उन्हें छोड़ दिया गया.’