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पड़ोसी देश नेपाल में जारी हिंसा और राजनीतिक उथलपुथल के बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आश्वासन दिया…

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पड़ोसी देश नेपाल में जारी हिंसा और राजनीतिक उथलपुथल के बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार राज्य के उन पर्यटकों की सुरक्षित वापसी के लिए तेजी से कार्रवाई कर रही है। ये सभी वर्तमान में चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच नेपाल में फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य प्रशासन अपने नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए भारत सरकार के अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है।

सीएम साय ने किया ट्वीट

एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, “मुझे जानकारी मिली है कि छत्तीसगढ़ के कुछ पर्यटक इस समय नेपाल में हैं। उनकी सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए मैंने संबंधित अधिकारियों को तत्काल आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं, तथा भारत सरकार के अधिकारियों के साथ मिलकर उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस चुनौतीपूर्ण समय में हमारी सरकार प्रत्येक नागरिक की सहायता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”

राज्यों के मुख्यमंत्री हुए सक्रिय

इस बीच, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नेपाल में फंसे महाराष्ट्र के पर्यटकों से बात की और उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। अधिकारियों के अनुसार, जनरल जेड के नेतृत्व में चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन के कारण महाराष्ट्र के लगभग 150 पर्यटक नेपाल में फंस गए हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी नेपाल में फंसे पर्यटकों को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार स्थिति पर नजर रख रही है और उन्हें जल्द ही वापस लाने की व्यवस्था की जाएगी। बनर्जी ने कहा, “मैं नेपाल में फंसे पर्यटकों के मुद्दे को गंभीरता से लेती हूँ। मैं उनसे कहना चाहती हूँ कि स्थिति सामान्य होने तक कुछ समय इंतज़ार करें। हम स्थिति पर कड़ी नज़र रख रहे हैं और जल्द ही आप सभी को वापस लाएँगे।”

नेपाल में जारी है हिंसा

बता दें कि, नेपाल में 8 सितम्बर को जेन-जेड के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है, स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्रालय ने बुधवार शाम को यह घोषणा की।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि देशभर में 1,033 घायलों के मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 713 घायलों को पहले ही छुट्टी दे दी गई है, जबकि 55 को आगे के उपचार के लिए अन्य स्थानों पर रेफर कर दिया गया है। 253 नए मरीज़ अभी भी भर्ती हैं। काठमांडू का सिविल सर्विस अस्पताल इस समय सबसे ज़्यादा मामलों का भार संभाल रहा है, जहाँ 436 लोगों का इलाज चल रहा है। नेशनल ट्रॉमा सेंटर 161 मरीज़ों की देखभाल कर रहा है, और एवरेस्ट अस्पताल 109 मरीज़ों का इलाज कर रहा है।

मंत्रालय ने बताया कि देश भर के कुल 28 अस्पताल प्रभावित लोगों की देखभाल कर रहे हैं। जेन-जेड नेपाल के बैनर तले हुए इस विरोध प्रदर्शन में संसद में घुसने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों ने अंधाधुंध गोलीबारी की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पहले गोलियां चलाईं और फिर आंसू गैस के गोले छोड़े।