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E-Chalan Scam: रायपुर में तेजी से बढ़े ई-चालान स्कैम, ट्रैफिक पुलिस को करनी पड़ी ये अपील, जानें क्या है ई-चालान SCAM?

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ई-चालान स्कैम को लेकर जारी अपील में रायपुर ट्रैफिक पुलिस ने कहा है कि वाहन मालिक भुगतान के लिए फर्जी RTO E-CHALLAN.apk फाइल को डाउनलोड न करें, बल्कि अधिकृत वेबसाइट का उपयोग करें वरना अनजान लिंक को क्लिक करने से स्कैम के शिकार हो सकते हैं.

राजधानी रायपुर में ई-चालान स्कैम तेजी से पांव पसार रहा है. परिवहन विभाग के बाद अब ट्रैफिक पुलिस ने लोगों से इससे सावधान रहने की अपील की है. ई-चालान स्कैम को लेकर बुधवार को रायपुर ट्रैफिक पुलिस ने वाहन मालिकों से व्हॉट्सएप पर आए फर्जी आरटीओ ई-चालान फाइल को डाउनलोड नहीं करने की अपील की है.

ई-चालान स्कैम को लेकर जारी अपील में रायपुर ट्रैफिक पुलिस ने कहा है कि वाहन मालिक भुगतान के लिए फर्जी RTO E-CHALLAN.apk फाइल को डाउनलोड न करें, बल्कि अधिकृत वेबसाइट का उपयोग करें वरना अनजान लिंक को क्लिक करने से स्कैम के शिकार हो सकते हैं.

लोगों से अपील व्हाट्सएप पर आए लिंक से ना करें भुगतान

राजधानी रायपुर ेने लगातार हो रहे ई-चालान स्कैम को लेकर लोगों को सतर्क करते हुए परिवहन विभाग ने कहा है कि वो अनजाने लिंक के जरिेए अपने ई-चालान का भुगतान न करें, यह स्कैम हो सकता है. वहीं, ऑनलाइन मैसेंजर एप व्हाट्सएप पर आए लिंक को क्लिक नहीं करने की भी सलाह दी, जिसके जरिए साइबर लोगों से ठगी को अंजाम दे रहे हैं.

ई-चालान के नाम पर कारोबारी से ठगों ने लूट लिए 4 लाख

गौरतलब है ई-चालान के नाम पर साइबर अपराधियों ने गुढ़ियारी के कारोबारी से 4 लाख और पुरानी बस्ती के युवक से 2 लाख की ठगी का मामला सामने आया है. परिवहन विभाग में ही ई-चालान के नाम पर ठगी की कई शिकायत दर्ज हो चुकी है, जिसके बाद परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस ने सभी को सतर्क करने के लिए यह अपील जारी की है.

ऑनलाइन ठगी के लिए लगातार पैतरे बदल रहे साइबर ठगों ने रायपुर में फर्जी ई-चालान लिंक को वाहन मालिकों को ठगने का नया हथियार बनाया है. साइबर ठग लोगों को ई चालान भरने के लिए एक लिंक भेजते हैं, जिसको क्लिक करते ही लोग ई-चालान स्कैम के शिकार हो रहे हैं.

ई-चालान के भुगतान के लिए अधिकृत पोर्टल का करें उपयोग

ट्रैफिक पुलिस आईटीएमएस के कैमरों से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों का ई-चालान तैयार कर उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजती है, जिसमें ई-चालान को देखने व भुगतान के लिए अधिकृत वेबसाइट लिंक भी इम्बेड किया जाता है, जिसमें चालान कर्ता के लिए अथॉरिटी से संपर्क करने का निर्देश रहता है.

ई-चालान का फर्जी SMS भेजकर डिवाइस हैक कर लेते हैं ठग

साइबर ठगों ने ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के बारे में ट्रैफिक पुलिस व परिवहन विभाग के नाम से फर्जी एसएमएस भेजकर लोगों से ठगी करते हैं. वाहन मालिकों को ई- चालान का जुर्माना भरने के लिए फर्जी लिंक दिया जाता है. लिंक पर क्लिक करते ही RTOE-CHALLAN.apk नामक फाइल डाउनलोड हो जाता है, जिससे मोबाइल को हैक हो जाता है.

ठगी से बचने के लिए वाहन मालिक मोबाइल पर आने वाले लिंक को क्लिक नहीं करना चाहिए. परिवहन विभाग के लिंक पर संदेह दूर करने के लिए अधिकृत वेबसाइट https://echallan. parivahan.gov.in पर जाकर लिंक की सत्यता की पुष्टि आसानी से किया जा सकता है.

डिवाइस हैक कर साइबर ठग देते हैं ऑनलाइन ठगी को अंजाम

रिपोर्ट के मुताबिक फोन पर आए ई-चालान के फर्जी लिंक को क्लिक होते ही मोबाइल फोन या कम्प्यूटर को हैक करने वाली एक फाइल डाउनलोड हो जाता है, जिसके जरिए फोन का नियंत्रण ठगों के हाथ में चला जाता है, जिससे साइबर ठग वाहन मालिक के बैंक खातों पर आसानी से डाका डालने में सफल हो जाते हैं.

सहमति पर परिवहन विभाग व्हॉट्सएप पर भेजती है ई-चालान

ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक जिन वाहन मालिकों को मोबाइल संदेश या डाकघर के माध्यम से चालान प्रेषित नही हो पाता है उन मामलों में ट्रैफिक पुलिस वाहन स्वामी के मोबाइल नंबर पर कॉल कर ई-चालान की सूचना देती है और वाहन स्वामी की सहमति पर उनके वाट्सअप में चालान को भेजती है.

विभाग किसी भी वाहन स्वामी के व्हॉट्सएप पर सीधे ई-चालान नही भेजती है. यदि व्हाट्सएप पर ई-चालान प्राप्त हो रहा है तो तब भी चालान डाउनलोड नहीं करना चाहिए. ऐसे फर्जी ई-चालान की लिंक की पुष्टि के लिए विभाग के अधिकारिक वेबसाइट का उपयोग करना जरूरी है.

ऐसे ई-चालान भरकर ठगी से बच सकते हैं वाहन मालिक

रायपुर पुलिस के मुताबिक ई-चालान देखने के लिए परिवहन विभाग की अधिकृत वेबसाइट पर ई-चालान के पेज में जाकर पे ऑनलाईन पर क्लिक करें. उसके बाद चालान नंबर एवं कैप्चा कोड भरकर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी डालकर चालान का पूरा विवरण प्राप्त किया जा सकता है, जो सबसे सुरक्षित एवं विश्वसनीय है.

ई-चालान को जांचने के बाद वाहन माालिक भुगतान करें

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह ने वाहन स्वामियों से अपील किया है कि वाहन मालिक अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचें, ई-चालान का संदेश प्राप्त होने पर परिवहन विभाग की अधिकृत वेबसाइट के जरिए उसकी सत्यता जांच करने के बाद ही ई-चालान का भुगतान करें. व्हॉट्सएप पर आए लिंक को क्लिक करने से बचें.