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सीपी राधाकृष्णन ने ली उपराष्ट्रपति पद की शपथ, PM मोदी समेत कई दिग्गज नेता रहे मौजूद…

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भारतीय राजनीति में आज एक नया अध्याय जुड़ गया है। सीपी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ले ली है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में एक भव्य समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। यह शपथ ग्रहण समारोह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि राधाकृष्णन की जीत ने न सिर्फ एनडीए की ताकत को दिखाया है, बल्कि विपक्ष की एकजुटता पर भी बड़े सवाल खड़े किए हैं।

उपराष्ट्रपति चुनाव में मिली ‘ऐतिहासिक’ जीत सीपी राधाकृष्णन ने मंगलवार को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को भारी मतों के अंतर से हराया। यह चुनाव पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद आयोजित किया गया था।

एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन को 452 मत प्राप्त हुए, जबकि विपक्षी उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को केवल 300 मत मिले। राज्यसभा के महासचिव और निर्वाचन अधिकारी पीसी मोदी ने परिणाम घोषित करते हुए बताया कि कुल 781 सांसदों में से 767 ने मतदान किया। इस चुनाव में 98.2 प्रतिशत मतदान हुआ, जो एक रिकॉर्ड है। चुनाव के बाद यह भी साफ हो गया कि एनडीए के पास अपने सहयोगियों के अलावा भी अन्य दलों का समर्थन था, जिससे विपक्ष के भीतर क्रॉस-वोटिंग की बहस शुरू हो गई।

पीएम मोदी ने दी बधाई उपराष्ट्रपति चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीपी राधाकृष्णन को बधाई दी। पीएम मोदी ने विश्वास जताया कि नए उपराष्ट्रपति भारत के संवैधानिक मूल्यों को और मजबूत करेंगे और संसदीय संवाद में एक सकारात्मक योगदान देंगे।

शपथ के बाद ‘पहली’ बड़ी बैठक शपथ ग्रहण के बाद, अब राधाकृष्णन अपने नए कार्यकाल की शुरुआत करने जा रहे हैं और इसका पहला कदम आज ही उठाया जाएगा। उपराष्ट्रपति कार्यालय ने घोषणा की है कि शपथ ग्रहण के बाद, राधाकृष्णन राज्यसभा के सभी नेताओं के साथ दोपहर 12:30 बजे एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे। यह बैठक उनके कार्यकाल की पहली बड़ी पहल होगी। इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य राज्यसभा के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करना और पक्ष-विपक्ष के बीच संवाद को बढ़ावा देना है।

महाराष्ट्र में खाली हुआ राज्यपाल का पद सीपी राधाकृष्णन इससे पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल थे। उनके उपराष्ट्रपति बनने के बाद, महाराष्ट्र में राज्यपाल का पद खाली हो गया है। राष्ट्रपति ने एक आधिकारिक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है। अब गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को नए राज्यपाल की नियुक्ति तक महाराष्ट्र के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति बनना न सिर्फ उनकी राजनीतिक यात्रा में एक बड़ा मील का पत्थर है, बल्कि यह भी दिखाता है कि एनडीए गठबंधन कितनी मजबूती से एक साथ खड़ा है। वहीं, यह विपक्ष के लिए एक बड़ा सबक है कि चुनावों में एकजुटता सिर्फ कहने भर से नहीं होती।