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“कोई फिलिस्तीन नहीं रहेगा, पूरी जमीन हमारी; बेंजामिन नेतन्याहू एक इंच हटने को तैयार नहीं”

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इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायल को लेकर अपने इरादे साफ कर दिए हैं। उन्होंने कहा है कि यह जगह इजरायल की है और आगे कोई फिलिस्तीन राज्य नहीं होगा। खास बात है कि फिलिस्तीनी समूह हमास और इजरायल के बीच अक्तूबर 2023 से ही संघर्ष जारी है। तब हमास ने इजरायल पर हमला कर दिया था और 200 से ज्यादा लोगों को बंदी बना लिया था।

वेस्ट बैंक में बसाहट को लेकर गुरुवार को एक प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर किए गए। माले अदुमिम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान नेतन्याहू ने कहा, ‘हम वादा पूरा करने जा रहे हैं कि यहां कोई भी फिलिस्तीनी राज्य नहीं होगा। यह जगह हमारी है।’ उन्होंने कहा, ‘हम हमारी विरासत, हमारी धरती और हमारी सुरक्षा की हिफाजत करेंगे…। हम शहर की आबादी दोगुनी कर देंगे।

खास बात है कि इजरायल लंबे समय से ई1 नाम के जमीन पर बस्ती बसाना चाहता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होते विरोध के चलते ऐसा नहीं कर सका। यह जमीन यरुशलम और माले अदुमिम के बीच है, जिसके कुछ रास्ते फिलिस्तीनी क्षेत्र के उत्तरी और दक्षिण हिस्सों से मिलते हैं। बीते महीने इजरायल के वित्त मंत्री बेजालेल स्मोटरिच ने इस अति संवेदनशील भूमि पर करीब 3400 आवास बनाने की योजना का समर्थन किया था।

इजरायल का दोहा में हमला मंगलवार को कतर की राजधानी दोहा के रिहायशी इलाके में हमला हुआ, जिसकी सुई इजरायल की तरफ घूमी। कहा जाने लगा कि हमास नेताओं को मारने के इरादे से इजरायल ने हमला किया है। यह हमला उस समय हुआ जब गाजा युद्ध को समाप्त करने और हमास की गिरफ्त में मौजूद 48 बंधकों को छुड़ाने के लिए बातचीत जारी थी। माना जाता है कि इनमें से लगभग 20 बंधक जीवित हैं।

हमास ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि उसके शीर्ष नेता हमले में बच गए, हालांकि संगठन ने अब तक कोई प्रमाण नहीं दिया है। हमले में मारे गए लोगों में हमास के वरिष्ठ नेता और प्रमुख वार्ताकार खलील अल-हैय्या के बेटे, तीन अंगरक्षक और उनके कार्यालय प्रमुख शामिल हैं।

भड़का कतर कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल सानी ने कहा है कि इजरायल द्वारा दोहा में हमास नेताओं को निशाना बनाकर किए गए हमले से इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा में बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई की ‘हर उम्मीद खत्म कर दी है।

शेख मोहम्मद ने यह तीखा बयान संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनी उपस्थिति से पूर्व दिया। यह इजरायली हमले को लेकर खाड़ी देशों, विशेष रूप से अरब देशों के भीतर गहराते असंतोष को दर्शाता है। इस हमले में कम से कम छह लोगों की मौत हुई थी।

सीएनएन को बुधवार देर रात दिए गए एक साक्षात्कार में शेख मोहम्मद ने कहा,’हमले के दिन सुबह मैं एक बंधक के परिवार से मिला था। वे लोग संघर्षविराम और मध्यस्थता पर पूरी तरह निर्भर थे। उनके पास कोई और आशा नहीं थी। लेकिन मुझे लगता है कि नेतन्याहू ने जो किया, उससे उन बंधकों की रिहाई की हर उम्मीद समाप्त हो गई है।

कतर और मिस्र, गाज़ा में संघर्ष विराम की मध्यस्थता के प्रमुख प्रयासों में शामिल रहे हैं। अमेरिका के आग्रह पर कतर ने वर्षों से दोहा में हमास के राजनीतिक नेतृत्व को आश्रय दिया है, ताकि इजरायल और हमास के बीच बातचीत की संभावनाएं बनी रहें।