सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात सहित अन्य राज्यों में ‘लव जिहाद’ और गैरकानूनी धर्मांतरण के खिलाफ बने कानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है.
कोर्ट ने राज्यों को चार हफ्तों में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. अगली सुनवाई छह हफ्तों बाद होगी, जिसमें कानून पर रोक लगाने की मांग पर विचार किया जाएगा.
याचिकाकर्ताओं की ओर से वकीलों ने अदालत को बताया कि ये कानून अंतर-धार्मिक जोड़ों को परेशान करने और त्योहारों एवं धार्मिक अनुष्ठानों में हस्तक्षेप करने का जरिया बन गए हैं.
याचिकाओं में कहा गया है कि इन कानूनों की आड़ में किसी को भी धर्मांतरण के आरोप में फंसाया जा सकता है. याचिका दाखिल करने वालों में जमीयत उलेमा-ए-हिंद और सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस जैसे संगठन शामिल हैं.
नोडल वकील नियुक्त…
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की ओर से नोडल वकील के रूप में वकील सृष्टि अग्निहोत्री और राज्यों की तरफ से वकील रुचिरा गोयल को नियुक्त किया है. यह नियुक्ति जवाब दाखिल करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए की गई है.