रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साफ कर दिया है कि देश का अगला राजनीतिक नेतृत्व कौन संभालेगा. पुतिन का कहना है कि रूस का भविष्य उन्हीं के हाथों में होगा जिन्होंने यूक्रेन युद्ध का मैदान देखा है.
रूसी संसद (डूमा) की अलग-अलग पार्टियों के नेताओं से बातचीत में पुतिन ने कहा कि जो लोग देश के लिए अपनी जान दांव पर लगा चुके हैं, उन्हें राजनीति और सत्ता में जगह मिलनी चाहिए. उनके मुताबिक, यही योद्धा आगे चलकर रूस की जिम्मेदारी उठाएँगे और सत्ता के वारिस बनेंगे.
रूस में विपक्ष दबा, राष्ट्रवाद हावी दरअसल, रूस की राजनीति में पहले ही विपक्ष की आवाज लगभग खत्म हो चुकी है. पुतिन के करीबी यूनाइटेड रशिया पार्टी का दबदबा है. ऐसे में उनका नया बयान साफ दिखाता है कि आने वाले वक्त में रूस और भी ज़्यादा राष्ट्रवादी और सख्त रुख अपनाएगा. ये सोच पुतिन के बाद भी लंबे समय तक रूस की राजनीति पर असर डालेगी.
जंग में लाखों सैनिक मारे जा चुके हैं फरवरी 2022 में रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था. तब से लाखों सैनिक मोर्चे पर भेजे गए. यहाँ तक कि कैदियों को भी जेल से रिहा कर लड़ाई में उतारा गया. रूस आधिकारिक आंकड़े नहीं बताता, लेकिन बीबीसी और स्वतंत्र मीडिया के मुताबिक अब तक कम से कम 1,30,000 रूसी सैनिक मारे जा चुके हैं. जो लौट रहे हैं, उनमें से कई मानसिक और शारीरिक तौर पर टूट चुके हैं. हिंसक अपराध और सामाजिक तनाव जैसी समस्याएँ अब रूस के लिए सिरदर्द बन रही हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 2025 की शुरुआत तक करीब 15 लाख रूसी नागरिक इस युद्ध में शामिल हो चुके हैं.
शांति की कोशिशें और अड़चनें युद्ध अभी भी थमता नज़र नहीं आ रहा. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शांति समझौता कराने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कोई बड़ी सफलता नहीं मिली. रूस यूक्रेन के पाँचवें हिस्से पर कब्जा कर चुका है और युद्धविराम नहीं, बल्कि सीधा सौदा चाहता है. रूस चाहता है कि यूक्रेन नाटो में न जाए और कुछ जमीन छोड़े. वहीं यूक्रेन का कहना है कि रूस उसकी संप्रभुता और पहचान मिटाकर उसे अपने कब्जे में लेना चाहता है.