अधिकारियों के मुताबिक केंद्रीय समिति के दोनों सदस्य, राजू दादा और कोसा दादा, “तीन दशकों से अधिक समय से दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति में” सक्रिय थे और कई हिंसक घटनाओं के पीछे मास्टरमाइंड थे, जिसके कारण क्षेत्र में सुरक्षाकर्मियों की हत्या हुई और निर्दोष नागरिकों की जान गई।
केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को महाराष्ट्र – छत्तीसगढ़ सीमा पर नारायणपुर में नक्सलियों के खिलाफ बड़ी जीत हासिल करने के लिए सुरक्षा बलों की सराहना की।
अमित शाह ने लिखा, “लाल आतंक की रीढ़ तोड़ रहे हैं”
एक्स प्लेटफॉर्म पर अमित शाह ने कहा, “आज, हमारे सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ एक और बड़ी जीत हासिल की है। महाराष्ट्र – छत्तीसगढ़ सीमा पर नारायणपुर के अबूझमाड़ क्षेत्र में , हमारे बलों ने दो केंद्रीय समिति के सदस्य नक्सल नेताओं – कादरी सत्यनारायण रेड्डी उर्फ कोसा, कट्टा रामचंद्र रेड्डी को मार गिराया। दोनों निष्प्रभावी नक्सली नेताओं के सिर पर 40-40 लाख रुपये का इनाम था। हमारे सुरक्षा बल व्यवस्थित रूप से नक्सलियों के शीर्ष नेतृत्व को खत्म कर रहे हैं और लाल आतंक की रीढ़ तोड़ रहे हैं।”
सीएम साय ने भी दी जवानों को बधाई
नारायणपुर में नक्सली मुठभेड़ पर मिली कामयाबी पर छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साय ने भी हर्ष व्यक्त किया है। मीडिया से हुई बातचीत में उन्होंने कहा, “नक्सलियों के खिलाफ हमारे अभियानों में जवानों को लगातार सफलता मिल रही है। आज दो नक्सली मारे गए। मैं जवानों को सलाम करता हूँ।”
एक एके-47 और एक इंसास राइफल बरामद
गौरतलब है कि, सोमवार को महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर नारायणपुर के अबूझमाड़ क्षेत्र में हुए एक मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने माओवादियों के केंद्रीय समिति के दो सदस्य नक्सली नेता कट्टा रामचंद्र रेड्डी और कादरी सत्यनारायण रेड्डी को मार गिराने में कामयाबी हासिल की है। बस्तर के पुलिस महानिरीक्षक पी सुंदरराज ने बताया कि इलाके में माओवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों की टीम संभावित ठिकाने के लिए रवाना किया गया था। आईजी पी सुंदरराज ने बताया कि इलाके की तलाशी के दौरान दो माओवादियों के शव, एक एके-47 और एक इंसास राइफल तथा अन्य हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया। बताया कि, प्रतिबंधित माओवादी संगठन के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई से संगठन को बड़ा झटका लगा है।
कौन थे मारे गए नक्सली लीडर?
मारे गए माओवादियों की पहचान केंद्रीय समिति के सदस्य राजू दादा उर्फ कट्टा रामचंद्र रेड्डी (उम्र 63 वर्ष) और कोसा दादा उर्फ कादरी सत्यनारायण रेड्डी (उम्र 67 वर्ष) के रूप में हुई है, जिन पर छत्तीसगढ़ राज्य में 40-40 लाख रुपये का इनाम था। दोनों तेलंगाना के करीमनगर के निवासी थे। अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से एक बीजीएल लांचर, भारी मात्रा में विस्फोटक, माओवादी साहित्य और अन्य सामान भी बरामद किया गया है।
डीकेएसजेडसी में थे सक्रिय
अधिकारियों के मुताबिक केंद्रीय समिति के दोनों सदस्य, राजू दादा और कोसा दादा, “तीन दशकों से अधिक समय से दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति में” सक्रिय थे और कई हिंसक घटनाओं के पीछे मास्टरमाइंड थे, जिसके कारण क्षेत्र में सुरक्षाकर्मियों की हत्या हुई और निर्दोष नागरिकों की जान गई।