कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को पटना में अति पिछड़ा न्याय संकल्प संगोष्ठी में ऐलान किया कि यदि इंडिया गठबंधन सत्ता में आया तो वह आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा खत्म कर देगा.
इस अवसर पर कांग्रेस की ओर से अति पिछड़ा संकल्प लॉन्च किया है. उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन अति पिछड़ा वर्गों के लिए निजी संस्थानों तथा 25 करोड़ रुपये से अधिक के सरकारी ठेकों (निविदाओं) में आरक्षण सुनिश्चित करेगा.
उन्होंने नीतीश कुमार सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश कुमार सरकार ने अति पिछड़ा वर्गों की बेहतरी के लिए कुछ नहीं किया, उसने उसे बस वोटबैंक की तरह इस्तेमाल किया.
उन्होंने कहा कि आज अति पिछड़ा न्याय संकल्प संगोष्ठी में दस सूत्री प्रस्ताव पारित किया गया जिसे बिहार में इंडिया गठबंधन के सत्ता में आने पर लागू किया जायेगा. उन्होंने कहा कि ये संकल्प हमारे गठबन्धन का विजन है, जबकि बीजेपी यूपी में जाति आधारित प्रदर्शन करने पर रोक लगा रही है. हाड्रोजन बम जल्दी सामने आएगा, बीजेपी का सच सामने आएगा.
बीजेपी की चोरी चलने नहीं देंगे राहुल गांधी ने कहा कि गुजरात मॉडल स्पष्ट है – दलितों, पिछड़े वर्ग और गरीबों के लिए बुलडोज़र, जबकि अडानी के लिए हजारों एकड़ जमीन मुफ्त में या मात्र ₹1 की. गांधीनगर, गुजरात के पेथापुर बस्ती में 400 से अधिक परिवारों के घर ‘अवैध’ बता कर उजाड़ दिए गए, जबकि उनके पास बिजली के बिल, टैक्स रसीदें, राशन कार्ड, आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र जैसे वैध पहचान और रिकॉर्ड मौजूद थे.
राहुल गांधी ने कहा कि गुजरात ही नहीं, दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह की तोड़फोड़ की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं और कई मामलों में, जैसा कि गांधीनगर में था, लोगों के पास अदालतों द्वारा दिए गए स्टे आदेश भी मौजूद थे.
बीजेपी को साफ पता है कि वो असली जनादेश के जरिए सरकार नहीं बना सकते; उनकी सरकार चोरी से और संस्थाओं पर कब्ज़ा कर बनती है। इसलिए वो गरीबों के अधिकार छीन लेते हैं, और देश की संपत्ति को अपने कुछ अरबपति मित्रों को सौंप देते हैं. भारत का लोकतंत्र जनता के अधिकारों के लिए है, और उनके लिए ही चलेगा. BJP और उसके मित्रों की देश से चोरी हम चलने नहीं देंगे.
जानें क्या है अतिपिछड़ा न्याय संकल्प ‘अतिपिछड़ा अत्याचार निवारण अधिनियम’ पारित किया जाएगा.
अतिपिछड़ा वर्ग के लिए पंचायत तथा नगर निकाय में वर्तमान 20% आरक्षण को बढ़ाकर 30% किया जाएगा.
आबादी के अनुपात में आरक्षण की 50% की सीमा को बढ़ाने हेतु, विधान मंडल पारित कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची मे शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.
नियुक्तियो की चयन प्रक्रिया में “Not Found Suitable” (NFS) जैसी अवधारणा को अवैध घोषित किया जाएगा.
अतिपिछड़ा वर्ग की सूची में अल्प या अति समावेशन (under or over-inclusion) से संबंधित सभी मामलों को एक कमेटी बनाकर निष्पादित किया जाएगा.
अतिपिछड़ा, अनुसूचित जाति, जन-जाति तथा पिछड़ा वर्ग के सभी आवासीय भूमिहीनों को शहरी क्षेत्रों मे 3 डेसिमल तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 5 डेसिमल आवासीय भूमि उपलब्ध करायी जाएगी.
UPA सरकार द्वारा पारित ‘शिक्षा अधिकार अधिनियम’ (2010) के तहत निजी विद्यालयो में नामांकन हेतु आरक्षित सीटो का आधा हिस्सा अतिपिछड़ा, पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति और जन-जाति के बच्चों हेतु निर्धारित किया जाएगा.
25 करोड़ रुपयों तक के सरकारी ठेकों/ आपूर्ति कार्यो में अतिपिछड़ा, अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जाति के लिए 50% आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा.
संविधान की धारा 15 (5) के अंतर्गत राज्य के सभी निजी शिक्षण संस्थानो के नामांकन हेतु आरक्षण लागू किया जाएगा।
आरक्षण की देखरेख के लिए उच्च अधिकार प्राप्त आरक्षण नियामक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा, और जातियो की आरक्षण सूची में कोई भी परिवर्तन केवल विधान मंडल की अनुमति से ही संभव होगा.