संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 80वें सत्र में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के संबोधन के दौरान एक अप्रत्याशित घटना ने सुरक्षा एजेंसियों का ध्यान आकर्षित किया है। विजिटर्स गैलरी से राजनीतिक नारेबाजी को लेकर संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा अधिकारियों ने इसकी जांच शुरू कर दी है।
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, यह नारा शरीफ के समर्थक ने लगाया था, जिससे यूएन के सख्त सुरक्षा प्रोटोकॉल पर सवाल खड़े हो गए हैं।
घटना 26 सितंबर को न्यूयॉर्क में यूएन मुख्यालय में हुई, जब शहबाज शरीफ अपने 25 मिनट के भाषण में वैश्विक चुनौतियों जैसे संघर्ष, आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और क्षेत्रीय मुद्दों पर बोल रहे थे। भाषण के बीच में गैलरी से एक व्यक्ति ने “शहबाज शरीफ जिंदाबाद” का नारा लगाया, जो पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के समर्थक के रूप में पहचाना गया। यह नारा इतना जोरदार था कि हॉल में मौजूद प्रतिनिधियों का ध्यान भटक गया।
यूएन सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए स्थिति को नियंत्रित कर लिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी मिशन के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और व्यक्ति को शांत करने में मदद की। हालांकि, नारा लगाने वाले व्यक्ति को हिरासत में नहीं लिया गया, लेकिन यूएन अधिकारियों ने इस घटना को गंभीरता से लिया है। एक वरिष्ठ यूएन अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “यूएन महासभा जैसे संवेदनशील मंच पर कोई भी राजनीतिक गतिविधि अस्वीकार्य है। हम गैलरी में प्रवेश प्रक्रिया और सुरक्षा चूक की जांच कर रहे हैं।”
संयुक्त राष्ट्र के नियमों के अनुसार, दर्शक दीर्घा में प्रवेश सख्त नियंत्रण के अधीन है और केवल किसी सदस्य देश के राजनयिक मिशन के माध्यम से प्राप्त पास के जरिए संभव है। अब संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि संबंधित व्यक्ति को प्रवेश पास कैसे प्राप्त हुआ और पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति से जुड़े नारे महासभा हॉल में क्यों उठाए गए।
पाकिस्तानी मीडिया में वायरल हो रही इस घटना ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। कुछ यूजर्स ने इसे “पाकिस्तानी चुनावी रैली” बताकर मजाक उड़ाया, जबकि अन्य ने शरीफ सरकार की छवि पर सवाल उठाए। एक्स पर एक पोस्ट में लिखा गया, “शहबाज अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को यूएनजीए में नारे लगाने के लिए ले आए थे।” एक अन्य पोस्ट में कहा गया, “यह घटना यूएन की सुरक्षा प्रोटोकॉल पर सवाल खड़ी करती है।”
यह पहली बार नहीं है जब यूएन महासभा में ऐसी घटना घटी हो। इतिहास में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल जिया-उल-हक के कार्यकाल के दौरान विपक्षी नेताओं ने गैलरी से लोकतंत्र के समर्थन में नारे लगाए थे।