कोरबा. छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में कोयला खदान खोले जाने के विरोध में ग्रामीणों ने मंगलवार को राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा है. उनका कहना है कि कोयला खदान खुलने से आसपास के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर घने जंगल की कटाई होगी. इससे पर्यावरण पर बुरा असर पड़ेगा. वहीं जीव जन्तुओं के अस्तित्व को भी खतरा है, खासकर हाथी सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे.
दरअसल, ब्लॉक पश्चिम बंगाल की कंपनी रूंगटा संस प्राइवेट लिमिटेड को कमर्शियल माइनिंग के तहत विजय सेंट्रल कोल आवंटित किया गया है. सरकार ने इस कोल ब्लॉक के लिए 725 एकड़ निजी कंपनी क्षेत्र की जमीन आवंटित की है. इसी फैसले के विरोध में विकासखंड पोड़ी के ग्राम पंचायत पुटीपखना, जल्के, तनेरा और सेन्हा सहित आधा दर्जन से अधिक पंचायतों में विरोध तेज हो गया है.
ग्रामीणों का कहना है कि कोल ब्लॉक खुलने से आसपास के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर घने जंगलों की कटाई होगी, जिससे पर्यावरण पर गंभीर असर पड़ेगा. वहीं ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि कंपनी के अधिकारी ग्राम सभाओं से खदान के पक्ष में प्रस्ताव पारित कराने के लिए दबाव बना रहे हैं.