रायपुरः छत्तीसगढ़ की राजधानी नवा रायपुर में नए विधानसभा में कार्य शुरू करने से पहले पुरानी विधानसभा में एक विशेष सत्र रखा गया। विदाई सत्र को यादगार बनाने क ऐलान करना था। ऐलान हुआ बिजली बिल हाफ योजना को लेकर। स्वयं मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब से प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को 100 के बजाय 200 यूनिट तक बिजली बिल हाफ योजना का लाभ मिलेगा। ऐलान के साथ सी इस पर सियासी बयानों का करंट दौड़ने लगा। विपक्ष ने इसे अधूरा और नाकाफी बताकर घेरा तो सत्तापक्ष ने इसे विपक्ष के हार की कुंठा करार दिया।
सरप्लस बिजली स्टेट छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पुराने विधानसभा भवन के विदाई सत्र में जो अंतिम घोषणा की वो यही थी। जाहिर है खबर प्रदेश के लाखों बिजली उपभोक्ताओं से जुड़ी है, राहत देने वाली है सो इस पर तेजी से तीखी प्रतिक्रियाओं का दौर चल पड़ा। सरकार ने इसे, जनता के हित में बताते हुए जनकल्याणकारी कदम बताते हुए पीठ थपथपाई तो विपक्ष ने इसे 400 यूनिट बिजली फ्री वाली पिछली योजना के मुकाबले नाकाफी बताया। नेता विपक्ष ने कहा कि जनता में इसे लेकर काफी आक्रोश था। साथ ही दावा किया कि कांग्रेस 400 यूनिट बिजली वाली राहत दिलाकर रहेगी।
विपक्ष ने सरकार को 200 यूनिट तक बिजली बिल में राहत के ऐलान पर घेरा तो सत्तापक्ष के सीनियर सांसद और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने दो टूक कहा कि प्रदेशवासियों को PM सूर्यघर योजना पसंद नहीं आई, जिसपर PCC चीफ दीपक बैज ने तंज कसा की यही बात कांग्रेस कहती रही है कि PM सूर्यघर योजना छत्तीसगढ़ में फेल है। बीजेपी सरकार बार-बार ये दावा करती है कि सोलर ऐनर्जी की तरफ जाना भविष्य की अनिवार्य जरूरत है। ये भी दावा किया कि PM सूर्यघर योजना पूरा बिजली बिल फ्री कराने वाली फायदेमंद योजना है पर ये भी सच है कि पिछळी सरकार के वक्त लाई गई 400 यूनिट तक फ्री बिजली वाली, बिजली बिल हाफ योजना ने बिलों में बड़ी राहत दी थी। इसीलिए वो योजना काफी पॉपुलर रही। मुद्दा जनता से सीधे जुड़ा है सो कांग्रेस ने ऐलान कर दिया कि विपक्ष दिसंबर में मुद्दे पर CM हाउस का घेराव कर बड़ा प्रदर्शन करेगी।



