कर्नाटक में बतौर मुख्यमंत्री बने हुए सिद्धारमैया को ढाई साल पूरे हो गए हैं। इसके बाद डीके शिवकुमार के सीएम बनने की अटकलें तेज होने लगी हैं। शिवकुमार के करीबी विधायकों और मंत्री ने दिल्ली में डेरा जमा लिया है, जबकि सिद्धारमैया ने साफ किया कि वे ही पांच साल तक सीएम बने रहेंगे।
ऐसे में कांग्रेस हाईकमान ने दोनों नेताओं से बात करके नसीहत दी है और विधायकों को भाजपा व मीडिया के जाल में नहीं फंसने के लिए कहा है।
पार्टी के वरिष्ठ सांसद रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि कर्नाटक के सीएम और डिप्टी सीएम से बात हुई और वे इस बात पर सहमत हुए कि बुरी तरह हारी हुई और गुटों में बंटी कर्नाटक भाजपा, मीडिया के एक हिस्से के साथ मिलकर, जानबूझकर कर्नाटक और उसकी कांग्रेस सरकार के खिलाफ बदनाम करने वाला कैंपेन चला रही है।
उन्होंने एक्स पर आगे कहा, ”इसका एकमात्र मकसद शानदार कामयाबियों और पांच कांग्रेस सरकार की गारंटी को कमजोर करना है, जो सबको साथ लेकर चलने वाले विकास और सबको साथ लेकर चलने वाले न्याय का एक शानदार मॉडल बन गए हैं। कुछ कांग्रेस नेताओं और विधायकों के बेवजह के बयानों ने भी अटकलों को और बढ़ा दिया है। कांग्रेस ने उन्हें लीडरशिप के मुद्दे पर कोई भी पब्लिक बयान देने या अपने फायदों के लिए चलाए जा रहे एजेंडे में न आने की सख्त चेतावनी दी है। पार्टी के अलग-अलग नेताओं की राय पर लीडरशिप ने ध्यान दिया है।’
वहीं, डीके शिवकुमार का कहना है कि सभी 140 विधायक मेरे हैं। ग्रुप बनाना मेरे खून में नहीं है। सीएम ने कैबिनेट में फेरबदल करने का फैसला किया। हर कोई मंत्री बनना चाहता है, इसलिए उनके लिए दिल्ली में लीडरशिप से मिलना काफी स्वाभाविक है। यह उनका अधिकार है। हम उन्हें रोक नहीं सकते और ना नहीं कह सकते। मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह 5 साल पूरे करेंगे। मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं। हम सब उनके साथ काम करेंगे। सीएम और मैंने ने बार-बार कहा है कि हम हाईकमान की बात मानते हैं।



