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“अंत की ओर ‘लाल आतंक’! छत्तीसगढ़ में एक साथ 19 महिलाओं समेत 28 नक्सलियों का सरेंडर, 90 लाख का था इनाम”

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देश में ‘लाल आतंक’ के खिलाफ लड़ाई अब निर्णाय मोड में है। सरकार ने 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने का लक्ष्य रखा है। कई खूंखार नक्सलियों को ढेर किया जा रहा है, तो वहीं बड़ी संख्या में नक्सली खुद सरेंडर कर रहे हैं।

अब छत्तीसगढ़ में 19 महिलाओं समेत 28 एक्टिव नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। इन पर कुल 89 लाख रुपये का इनाम था।

जानकारी के अनुसार यह सभी नक्सली लंबे समय से अबूझमाड़ डिवीजन में सक्रिय थे। तीन लोगों ने हथियार समेत सरेंडर किया है, जिसमें एसएलआर, इंसास, और थ्री नॉट 3 गन शामिल रहे।

28 नक्सलियों ने डाले हथियार

छत्तीसगढ़ में जिन 28 नक्सलियों ने सरेंडर किया, उसमें 19 महिलाएं और 8 पुरुष शामिल थे। नक्सल लीडर और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) कुतुल एरिया कमेटी के डिवीजनल कमेटी मेंबर (DVC) दिनेश पांडे ने भी हथियार डाल दिए। नक्सलियों के सरेंडर के दौरान बस्तर IG सुंदरराज पी, BSF-ITBP के ऑफिसर, नारायणपुर कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाई और सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस रॉबिन्सन गुड़िया मौजूद रहे।

नक्सलियों के बड़े पैमाने पर सरेंडर भी हो रहे हैं- कलेक्टर

इस पर कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाईं ने कहा, “पुलिस लगातार कैंप लगा रही है। नक्सलियों के बड़े पैमाने पर सरेंडर भी हो रहे हैं। इसका सीधा असर कई ऐसे गांवों पर पड़ रहा है, जो दशकों से दुर्गम थे, जहां पहुंचना नामुमकिन था।”

उन्होंने कहा, “कुल मिलाकर करीब 67 गांव अब हमारे कंट्रोल में आ गए हैं। हम 10 किलोमीटर के दायरे को देखते हैं और वहां डेवलपमेंट का काम शुरू करते हैं और यहां हम सबसे पहले सभी लोगों का सर्वे करते हैं। उन्हें आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड और दूसरी सभी स्कीमों से जोड़ने के लिए एक एक्शन प्लान बनाया जाता है। यहां प्रधानमंत्री आवास योजना को भी बड़े पैमाने पर मंजूरी दी गई है। हम गांव की बेसिक सुविधाओं जैसे सड़क, बिजली और पानी पर भी काम शुरू करते हैं। हमने इस एकेडमिक साल में ड्रॉपआउट बच्चों को वापस स्कूल लाने की भी कोशिश की है। हेल्थ टीम भी रेगुलर कैंप लगाती है, कार्ड बनाती है और लोगों की स्क्रीनिंग करती है, साथ ही आयुष्मान कार्ड भी जारी करती है।”

IG ने क्या-क्या कहा?

IG बस्तर पी सुंदरराज ने कहा, “28 माओवादी हिंसा छोड़कर मुख्य धारा में शामिल होने के इरादे से नारायणपुर जिला हेडक्वार्टर में आगे आए। उन्होंने सरकार की मंजूरी भी मान ली है। समुदाय ने उनका स्वागत किया और उनके पुनर्वास के लिए सभी तरह के प्रोग्राम तुरंत शुरू किए जाएंगे।”

उन्होंने बताया कि इसमें एक कमेटी मेंबर, छह एरिया कमेटी मेंबर, और 14 पार्टी मेंबर शामिल हैं। उन्होंने अपने हथियार भी सरेंडर कर दिए। हम सरकार से बार-बार उन सभी बचे हुए माओवादियों से अपील करना चाहते हैं जो अभी भी जंगल में बंदूकें और हिंसा का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह मुख्यधारा में शामिल होने का सही समय है।