रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 2 दिवसीय दौरे के लिए भारत पहुंच रहे हैं। भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे होने के मौके पर वो नई दिल्ली आ रहे हैं।
अपनी यात्रा के दौरान पुतिन 23वें द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। वो पीएम मोदी के साथ वन-टू-वन मीटिंग करेंगे और राष्ट्रपति द्रौपर्दी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे। उनके दौरे के दौरान भारत और रूस के बीच कई बड़ी डील हो सकती हैं।</p><p>पुतिन के साथ उनके 7 मंत्री भी दिल्ली आ रहे हैं। रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलोउसॉफ, वित्त मंत्री एंतोन सिलुआनोव, कृषि मंत्री ऑक्साना, आर्थिक विकास मंत्री मक्सिम रेशेत्निकोव, स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को, आंतरिक मामलों के मंत्री व्लादिमीर कोलोकोल्त्सेव, परिवहन मंत्री विताली सावेलेव शामिल हैं।
कई मायनों में अहम है पुतिन का भारत दौरा
पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन जब भी कही मिलते हैं, तो दोनों के बीच अलग ही केमिस्ट्री देखने मिलती है जो दुनियाभर में चर्चा का विषय बन जाती हैं। दोनों एक-दूसरे को अपना अच्छा दोस्त बताते हैं। अब पुतिन 4 साल के बाद भारत दौरे पर आ रहे हैं। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद ये उनका पहला इंडिया का टूर है। ऐसे में उनकी ये यात्रा कई मायनों में काफी अहम मानी जा रही है। इसके साथ ही भारत और रूस की दशकों पुरानी दोस्ती में एक नया आयाम जुड़ने जा रहा है। पुतिन के दौरे के दौरान भारत और रूस के बीच कई अहम समझौते भी होने वाले हैं।
व्यापार को लेकर दोनों देशों में हो सकती है डील
पुतिन के दौरे के दौरान रूस और भारत 2030 तक अर्थव्यवस्था में रणनीतिक सहयोग क्षेत्रों के विकास के लिए एक कार्यक्रम पर हस्ताक्षर करने की योजना बना रहे हैं। क्रेमलिन के सहयोगी यूरी उशाकोव ने कहा कि रूसी डिप्लोमेट उशाकोव ने कहा कि PM मोदी और पुतिन के बीच बढ़ते ट्रेड और इकोनॉमिक पार्टनरशिप पर बातचीत। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 12% बढ़कर 63.6 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। भारत-रूस में ऊर्जा से लेकर रक्षा, स्पेस, हेल्थकेयर, तकनीक और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में नई साझेदारी योजनाएं होंगी। 2030 तक दोनों के बीच के व्यापार को 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचाना है।
रक्षा क्षेत्र में भी कई समझौतों की संभावना
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान बड़ी डिफेंस डील को लेकर भी अटकलें हैं। इस दौरान S-400 और उसके उन्नत रूप S-500 समेत SU-57 लड़ाकू विमानों की खरीद को लेकर बातचीत हो सकती है। रूस के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने हालिया बयान में कहा था कि S-400 और SU-57 एजेंडे में है। मैं बस यही कहूंगा कि हमारा सैन्य उद्योग बहुत अच्छा काम कर रहा है। हम उत्पादन बढ़ाने में कामयाब रहे हैं।
भारत और रूस के बीच ब्रह्मोस के नए वर्जन पर समझौता हो सकता है। दोनों देश ब्रह्मोस के हल्के और ज्यादा रेंज वाले नए वर्जन बनाने पर बात करेंगे, जो पहले से भी ज्यादा खतरनाक होगा।
तेल खरीद को लेकर हो सकती है चर्चा
पुतिन और पीएम मोदी की द्विपक्षीय वार्ता के दौरान रूस से तेल खरीद का मुद्दा भी अहम रह सकता है। रूस से तेल खरीदने की जवह से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाकर दबाव बनाने की कोशिश की है। बावजूद इसके भारत ने इस खरीद को जारी रखा। पुतिन का यही प्रयास रहेगा कि भारत इसे आगे भी जारी रखे।
भारत और रूस का RELOS समझौता
रूसी संसद ने इंडिया रूस रेसीप्रोसल एक्सचेंज ऑफ लॉजिस्टिक सपोर्ट (RELOS) समझौते को मंजूरी दी है। इसके तहत दोनों देशों में सेनाओं को भेजने और एक-दूसरे के युद्धपोत को बंदरगाहों में प्रवेश करने की अनुमति के साथ ही हवाई स्पेस और एयरफील्ड के इस्तेमाल के नियम शामिल हैं।



