Home छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ : इस समीकरण से तय होगा प्रत्याशी, ‘दुर्ग’ में उतरेगी...

छत्तीसगढ़ : इस समीकरण से तय होगा प्रत्याशी, ‘दुर्ग’ में उतरेगी योद्धाओं की फौज

52
0

रायपुर। छत्तीसगढ़ में पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य में भाजपा की सत्ता थी। देश भर में प्रचंड मोदी लहर। इसके बावजूद भी राज्य को क्लीन स्वीप करने का दांव दुर्ग सीट पर आकर ठिठक गया। 11 में 10 सीट जीतने वाली भाजपा को दुर्ग की सीट गंवाने की टीस पूरे पांच साल रही। नतीजन 2014 के नतीजे आने के बाद से यह सीट भाजपा की प्रतिष्ठा से जुड़ गई।

राज्य में महज इस एक सीट की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता व मंत्री मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह को सौंपी गई। स्वतंत्रदेव ने एक-एक मुद्दों की पड़ताल की और जीत का फार्मूला सेट करने की कोशिश की। अब सीट पर भाजपा मजबूत उम्मीदवार देने के साथ ही अपने योद्धाओं को उतारने की तैयारी कर रही है।

कांग्रेस के कद्दावर भी यहीं से

राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कैबिनेट के तीन मंत्री ताम्रध्वज साहू, रविंद्र चौबे और रुद्र गुरु इसी क्षेत्र से हैं। कांग्रेस भी रणनीतिक रूप से इस सीट को सर्वाधिक प्रतिष्ठापरक मान रही है।

जातिगत समीकरण साधने की कवायद

भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो दुर्ग लोकसभा सीट पर ओबीसी वोटर प्रभावी भूमिका में हैं। यहां से भाजपा लगातार साहू समाज का उम्मीदवार उतारती रही। पिछले दो चुनाव से भाजपा ने सरोज पांडेय को उम्मीदवार बनाया। सरोज भाजपा की राष्ट्रीय महामंत्री हैं, ऐसे में उनके प्रभाव वाली सीट हाईप्रोफाइल मानी जा रही है।

भाजपा में सरोज की पसंद के रूप में वीरेंद्र साहू और सांवलाराम डाहिरे हैं। वहीं, संगठन की ओर से पूर्व मंत्री रमशीला साहू का नाम बढ़ाया गया है। इस बीच, कोआपरेटिव सेक्टर में पहचान रखने वाले प्रीतपाल बेलचंदन भी दौड़ में शामिल हैं। यही नहीं, अमित शाह की टीम के सर्वे रिपोर्ट में भी ऐसे उम्मीदवार को मैदान में उतारने का संकेत मिला है, जिसका पहले का चुनावी रिकार्ड न हो।

कांग्रेस से भी ओबीसी उम्मीदवार दौड़ में

दुर्ग लोकसभा सीट से कांग्रेस में भी ओबीसी उम्मीदवार दौड़ में हैं। मंत्री ताम्रध्वज साहू के बेटे सहित एक दर्जन ओबीसी नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का गृह जिला होने के कारण यहां कांग्रेस भी बेहतर विकल्प के साथ मैदान में उतरने की कोशिश में है। भूपेश बघेल पर इस सीट को जीतने का दबाव इसलिए भी है, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह अपने गृह क्षेत्र और विधानसभा क्षेत्र में आने वाली राजनांदगांव लोकसभा को लगातार जीत रहे हैं। सिर्फ एक चुनाव में कांग्रेस के देवव्रत सिंह की जीत हुई थी।

वोटरों का मिक्स समीकरण

दुर्ग लोकसभा की तीन विधानसभा शहरी वोटरों वाली है। दुर्ग शहर, भिलाई नगर और वैशाली नगर के वोटर मिक्स कल्चर के हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा नजर ग्रामीण क्षेत्रों के वोटरों पर है। यहां किसान वोटर भी प्रभावी भूमिका में है। किसानों के कर्ज माफ के बाद यहां समीकरण बदलने की उम्मीद की जा रही है।

बताया जा रहा है कि सरकार बदलने के बाद यहां के राजनीतिक समीकरण में यूटर्न आया है। ऐसे में कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवार के चयन के बाद ही असली मुकाबला शुरू होने की उम्मीद है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here