रायपुर
टिकरापारा स्थित स्वीपर कॉलोनी में पिछले नौ मार्च की रात एक झोपड़ी जल जाने और फिर पांच लोगों की मौत हो जाने के पीछे बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। नाबालिगों ने माचिस मार कर इस झोपड़ी को आग के हवाले कर दिया था। आग भभकते ही वहां सोने वाले एक परिवार के पांच सदस्य जिंदा जल गए। मां, बेटे समेत पत्नी और दो बच्चियों की मौत हो गई। मर्ग कायम करने के बाद मृत्यु पूर्व बयान से महिला ने खुलासा किया। इसके बाद नाबालिगों की गिरफ्तारी की गई। शनिवार को टीआइ आरके मिश्रा ने नाबालिगों की गिरफ्तारी की पुष्टि की। साथ मिलकर हत्या करने की नीयत से झोपड़ी जलाने की धाराओं में कार्रवाई की गई।
स्वीपर कॉलोनी में तड़के लगी आग ने पूरे मोहल्ले के रोंगटे खड़े कर दिए थे। अल सुबह भभकती आग में सुजीत दीप और उसका परिवार चीखों के साथ बदले की आग में झुलस गया। बारी-बारी से पांच सदस्यों की मौत हो गई। अपनी दो बेटियों लक्षिता पांच साल, काव्या तीन साल को बचाते सुजीत ने पहले दम तोड़ दिया। इसके बाद सुजीत की मां सविता 70 साल और फिर पत्नी प्रिया 28 साल ने दम तोड़ दिया।
प्रिया का एक हफ्ते तक उपचार चलता रहा, लेकिन शरीर पूरी तरह से झुलस जाने के बाद उसे नहीं बचाया जा सका। प्रिया के मृत्यु पूर्व बयान लेने के बाद उसी ने बताया था कि दो नाबालिग, जो घर के पास रहते हैं, उन्हें माचिस मारते देखा था। बीड़ी पीने के लिए अड्डा बनाए रहते थे। उन्हें पहले मना किया था, इसी का बदला ले लिया। बयान के आधार पर पुलिस नाबालिगों तक पहुंच सकी।
ढाई महीने पहले भी झोपड़ी में आगजनी
परिजनों ने प्रारंभिक बयान में ही बता दिया था कि नौ मार्च से ठीक ढाई माह पूर्व भी झोपड़ी जलाने की कोशिश हुई थी। सुजीत ने देर रात झोपड़ी में आग लगने पर शोर मचाया था। हालांकि उस वक्ता चौकन्ना होकर परिवार ने खुद को बचा लिया। कुछ दिनों बाद नशेड़ियों की करतूत ने सब कुछ तबाह कर दिया।
जब से आंख खुली, बहते रहे आंसू
प्रिया का उपचार 18 मार्च तक चला। चार लाशों को कांधा देने के बाद परिजन उसकी देखरेख में जुटे रहे। 17-18 मार्च की दरमियानी रात सेहत और बिगड़ गई। कुछ करीबियों का कहना था कि जब प्रिया को पहली बार होश आया तो रो पड़ी। बेटियों के साथ परिवार की तबाह पर उसके आंख से आंसू कभी नहीं रुके।
नशेड़ियों की फेरी, खतरे में गली-मोहल्ले
रायपुर शहर में जिस तरह के हालात हैं, सबसे ज्यादा नशेड़ियों की करतूत लोगों के लिए आफत बन गई है। गोली-गांजा का नशा आम है। यह पहली घटना नहीं है, जब आगजनी में लोग जिंदा झुलस गए। एक नशेड़ी की हरकत की वजह से गोल बाजार स्थित होटल तुलसी में आगजनी का भयावह मंजर हर किसी ने देखा था। बंद होटल के कमरे में पांच लोग जिंदा जल गए। जब नशेड़ी को पकड़ा गया, हरकत देख उसे मानसिक रोगी बताया गया।
नशेड़ियों की अड्डेबाजी रोकने पुलिस दस्ता नाकाम है। खुद पुलिस के आकड़े भी यही कहते हैं। बता दें पिछले दिनों एक मार्च से पंद्रह मार्च के बीच चले पुलिस अभियान में हर दिन गांजा बेचने अवैध कारोबार का भंड़ाफोड़ हुआ है। 33 प्रकरण दर्ज हुए, जिसमें गांजा बेचने 43 लोगों की गिरफ्तारी हुई। जबकि शराब के अवैध कारोबार पर 740 बोतल जब्त करके 549 आरोपियों को पकड़ा गया है। तस्वीरें साफ करती हैं कि शहर में नशा कारोबार किस तरह से फल-फूल रहा है।