छत्तीसगढ़ की नई भूपेश बघेल सरकार ने अपनी महती प्रोजेक्ट एनजीजीबी यानी नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी को क्रियांवित करने की जोर-शोर से तैयारी कर दी है. 425 करोड़ खर्च कर 24 हजार एकड़ में चारागाह-गौठान बनाने की योजना तैयार करने की बात कही जा रही है. बताया जा रहा है कि पहले चरण में 10 फीसदी गांवों में क्रियांवित करने प्रोजेक्ट तैयार करनी की योजना है. जानकारी के मुताबिक इस योजना को नगरीय निकायों में भी शुरु करने की तैयारी में है. राज्य सरकार ने पहले चरण में 27 जिलों के 1853 पंचायतों के 1879 गांवों में चारागाह विकसित करने का निर्णय लिया है. इसके लिए 14 हजार 146 एकड़ जगह चिहिंत की गई है. चारागाह से 9 लाख 47 हजार पशुओं के लिए हरा चारा मिल सकेगा. इसको विकसित करने के लिए 92 करोड़ रुपए खर्च आने का अनुमान है. इसमे 90 करोड़ रुपए मनरेगा से खर्च किया जाएगा, जबकि सवा 2 करोड़ रुपए अन्य मदों से होगा.
नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया का कहना है कि नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी कांग्रेस के घोषणा पत्र में ही शामिल था. ग्रामीण स्तर पर इनका अच्छे से संरक्षण किया जाएगा ताकि ग्रामीणों को इसका लाभ मिल सके. ग्रामीण क्षेत्र में शहरों जैसे सुविधा मिले इसके लिए ये योजना तैयार की जा रही है. बताया जा रहा है कि इसके अलावा राज्य सरकार नरवा गरुवा घुरुवा और बाड़ी योजना का विस्तार करने जा रही है. अब ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा नगरीय निकायों में भी योजना को शुरु किया जाएगा. इसके लिए राज्य सरकार ने तैयारी शुरु कर दी है. योजना लागू होने के बाद शहरी इलकों में आवारा और घुमांतु जानवरों से निजात मिलेगी. तो वहीं बीजेपी ने इस योजना को लेकर कांग्रेस पर तंज कसा है. बीजेपी उपाध्यक्ष सुनील सोनी का कहना है कि इस योजना के लिए बजट में राज्य सरकार ने एक पैसे का प्रावधान नहीं किया है. उनका कहना है कि सत्ताधारी दल इस योजना में पूरी तरह से एक्सपोज होने वाला हैं.