गुलशन कुमार को कोई भी नहीं भूल पाया है. टी-सीरीज के संस्थापक गुलशन कुमार कभी जूस की दुकान चलाते थे. उनका जन्म 5 मई 1956 को हुआ था. आज भी लोगों को उनकी दर्दनाक मौत का किस्सा याद है. गुलशन कुमार की आज पुण्यतिथि है. जब भी लोग उस पल को याद करते हैं तो लोगों का दिल कांप उठता है. गुलशन कुमार को गोलियों से भून कर मौत के घाट उतार दिया गया था. उनकी बेरहमी से हत्या की गई थी.
गुलशन कुमार ने जूस की दुकान लगाकर पैसे कमाना शुरू कर दिया. उनको बचपन से ही म्यूजिक का शौक था. इसी वजह से गुलशन कुमार ओरिजिनल गानों को खुद की आवाज में रिकॉर्ड करके कम दामों में बेचते थे. जब उन्हें दिल्ली में तरक्की नहीं मिली तो वे मुंबई आ गए. गुलशन कुमार ने तेजी से कामयाबी हासिल की और उनके दुश्मन भी बढ़ते गए.
एस. हुसैन जैदी ने अपनी किताब माय नेम इज अबू सलेम में बताया कि अबू सलेम ने गुलशन कुमार से 10 करोड़ देने के लिए कहा था. लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. 12 अगस्त 1997 को मुंबई के जीतेश्वर महादेव मंदिर के बाहर गुलशन कुमार की 16 गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी.
गुलशन कुमार ने अबू सलेम से इंकार करते हुए कहा था कि वह इतने रूपयों से वैष्णो देवी मंदिर में भंडारा कराएंगे. यह बात अबू सलेम को बिल्कुल भी पसंद नहीं आई और उसने शार्प शूटर राजा से गुलशन कुमार को मरवा दिया. गुलशन कुमार को मारने के बाद सूटर राजा ने अपना फोन 10 से 15 मिनट तक ऑन रखा था, ताकि अबू सलेम गुलशन कुमार की चीखें सुन सके.
एस. हुसैन जैदी ने अपनी किताब में यह भी लिखा है कि जब अबू सलेम से गुलशन कुमार के मर्डर के बारे में पूछा गया तो उसने जवाब दिया कि यह मर्डर लालकृष्ण आडवाणी ने करवाया है, आप उनसे जाकर पूछिए. गुलशन कुमार की हत्या के बाद उनके परिवार पर मुसीबत आ गई. गुलशन कुमार के बेटे भूषण कुमार ने कारोबार संभाला और आज टी-सीरीज भारत की सबसे बड़ी म्यूजिक कंपनियों में से एक है.